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उत्तर प्रदेश
खाकी का खौफ, UP पुलिस ने सालभर में 33 माफियाओं पर की कार्रवाई
Admin4
31 Dec 2022 2:55 PM GMT
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गोरखपुर। पुलिस ने गोरखपुर में 33 माफियाओं के करीब 2.67 अरब रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है. हालांकि अभी पूर्व में ब्लॉक प्रमुख रहे सपा नेता के पिता जवाहिर यादव के करीब 400 करोड़ से अधिक की संपत्तियों को चिन्हित कर पुलिस जल्द ही उसे जब्त करने का दावा कर रही है.
गोरखपुर में पुलिस ने 2022 में ताबड़तोड़ बदमाशों और माफियाओं पर कार्रवाई की है. उत्तर प्रदेश में 62 माफियाओं की छब्बीस सौ करोड़ से अधिक की संपत्तियों को जब कर ध्वस्त किया गया है. इनमें अकेले गोरखपुर में 33 माफिया शामिल है. शहर में वर्ष 2022 माफियाओं और बदमाशों के ऊपर कहर बरपाया है. इस साल माफियाओं की अवैध संपत्तियों पर पुलिस और प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर और कुर्की कर उनके अवैध साम्राज्य को ध्वस्त करने का काम किया है.
मुख्यमंत्री योगी ने जब उत्तर प्रदेश की कमान संभाली तो शुरू से ही उन्होंने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते कार्य किया. इतना ही नहीं भूमाफिया और बदमाशों के ऊपर योगी जैसे कहर बनकर बरसते रहे पुलिस और प्रशासन ने बदमाशों और माफियाओं की कमर तोड़कर रख दी है.
पुलिस और प्रशासन की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई से विपक्ष भी सकते में आ गया. जिसको देखते हुए समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने स्पेशल 8 टीम को गोरखपुर में भेजा है जो सपा नेताओं और यादवों से जुड़ी कार्रवाई की जांच कर उनकी रिपोर्ट अपने मुखिया को सौंपेगी. बताते चलें उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में मिलाकर कुल 864 बदमाशों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है. जिनमें गोरखपुर के 402 बदमाश शामिल है. इस साल में गोरखपुर में 402 बदमाशों के खिलाफ कुल 100 मुकदमे दर्ज हुए हैं.
माफिया और उनके गैंग के सहयोगियों के असलहों के लाइसेंस भी गोरखपुर प्रशासन ने सस्पेंड किए हैं. साल 2022 में उत्तर प्रदेश में 310 से अधिक शस्त्र लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं. इनमें गोरखपुर में 131 शस्त्र शामिल है. जबकि अभी 138 और शस्त्र लाइसेंसों को सस्पेंड करने की उनकी लिस्ट डीएम को भेजी गई है.
यूपी में ड्रग माफिया और अवैध नशे के सौदागरों के खिलाफ भी पुलिस ने अभियान चलाया. पहली बार ड्रग माफिया अवैध नशे के सौदागरों पर शिकंजा कसने के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया. और पहले चरण में बाराबंकी और गाजीपुर में ANTF थाना खोला गया. और 3 क्षेत्रीय शाखा लखनऊ, मेरठ और गोरखपुर जोन में स्थापित की गई है.
गोरखपुर की बात की जाए तो शहर के पुलिस इस मामले में पूरी तरह फेल नजर आई . शहर में नशे के सौदागरों पर पुलिस की पकड़ ढीली दिखी. ड्रग डिपार्टमेंट की ओर से इस मामले में मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद भी ना ही पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तारी की और ना ही उनसे बचने का कोर्ट में कोई विरोध किया. मुकदमा होने के बाद भी गोरखपुर के आरोपी ड्रग माफिया पहले तो शहर में घूमते रहे और बाद में हाईकोर्ट से पुलिस कार्रवाई के खिलाफ अरेस्ट्स स्टे लेकर आ गए.
Admin4
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