उत्तर प्रदेश

करीमनगर वार्ड में बिजली के झूलते तारों से हादसे की आशंका

Admin Delhi 1
3 Dec 2022 9:00 AM GMT
करीमनगर वार्ड में बिजली के झूलते तारों से हादसे की आशंका
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मेरठ न्यूज़: कमेला पुल के निकट स्थित वार्ड-80 में एक ओर पेयजल का संकट यहां के निवासियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है, वहीं इस क्षेत्र में लटकते बिजली के नंगे तारों से हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है। करीमनगर और ढवाई नगर को मिलाकर बनाए गए वार्ड-80 में करीब 15 हजार वोटर हैं। नगर निगम में इय वार्ड का प्रतिनिधित्व करने के लिए जुबैर अंसारी पार्षद चुने गए थे, लेकिन करीब डेढ़ साल पहले एक हमले में उनकी मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद से नगर निगम बोर्ड में इस वार्ड की आवाज उठाने वाला कोई नुमाइंदा नहीं रहा। हालांकि कार्य समिति सदस्य गफ्फार सैफी ने जरूर यहां के विभिन्न विकास कार्यों के प्रस्ताव पारित कराए हैं। वहीं जुबैर अंसारी के मित्र गुड्डू अंसारी ने अधिकारियों से मिलकर व्यक्तिगत प्रयास से सफाई, स्ट्रीट लाइट आदि व्यवस्था को सुचारू रखने का प्रयाय किया है। वार्ड की स्थिति के बारे में गुड्डू अंसारी के साथ-साथ महबूब, शाहिद उर्फ नेता, शहाबुद्दीन, सुहैल आदि से बात की गई,

जिसमें पेयजल आपूर्ति इस वार्ड का सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। वार्ड के लोग बताते हैं कि यहां पानी की सप्लाई ठीक प्रकार से नहीं हो पाती है। गंगाजल परियोजना के अंतर्गत वार्ड में पाइप लाइन जरूर बिछाई गई है, लेकिन इसे वार्ड की लाइन से जोड़कर आज तक सप्लाई नहीं की जा सकी है। वार्ड में पानी की सप्लाई के लिए 10 हार्सपावर के 10 नलकूप लगाए गए हैं, लेकिन यह सभी नलकूप एक साथ चल पाते हों, ऐसा संयोग कम ही बन पाता है। वार्ड के लोगों का कहना है कि इनमें से कोई न कोई नलकूप और उसका मोटर आए दिन खराब रहते हैं। जिसके कारण लोगों को पेयजल के लिए इधर-उधर भटकने के लिए मजबूर होना पड़ता है। अक्सर वार्ड के लोग उन घरों से पीने का पानी बरतनों में संग्रहित करते ऐखे जा सकते हैं, जिनके यहां सबमर्सिबल लगे हुए हैं। इसका एक कारण पानी के लिए बिछाई गई पाइप लाइन कुछ जगह से फट जाने और उसकी मरम्मत न होने के चलते बदबूदार पानी की आपूर्ति का होना भी बताया गया है।

वार्ड क्षेत्र में दूसरी गंभीर समस्या बिजली विभाग से जुड़ी हुई है। लोग बताते हैं कि वार्ड में विद्युतीकरण करते हुए बहुत संख्या में लगाए गए खंभों पर क्षमता से अधिक कनेक्शन दे दिए गए हैं। जिसके कारण कुछ जगह लगाए गए एबीसी कंडक्टर को गलियों में सिर की ऊंचाई तक झूलते हुए देखा जा सकता है। इस वार्ड की कई गलियों में आज भी बिजली के नंगे तार देखे जा सकते हैं। ढवाई नगर की गली नम्बर छह में तार इतने नीचे हैं कि कभी भी हादसे का कारण बन सकते हैं। गली नम्बर तीन, चार, पांच, छह, सात, नौ और करीमनगर की गली नंबर एक, दो, 11, 16, 17 आदि में बिजली के तारों की स्थिति हादसों की आशंका बनाए हुए हैं। गुड्डू अंसारी का कहना है कि इस सिलसिले में उन्होंने कई बार संबंधित अधिकारी से संपर्क किया है। जिनका एक ही जवाब होता है कि तारों की स्थिति सुधारने के लिए वे अपने स्तर से इस्टीमेट भेज चुके हैं।

इसके अलावा सामान्य तौर पर साफ सफाई की व्यवस्था ठीक बताई गई है। सीवर लाइन करीम नगर में है, ढिवाई नगर में नहीं है। यह वार्ड चूंकि कमेले वाले पुल के निकट है, जहां से बहने वाले बड़े नाले की बदौलत इस वार्ड में सामान्य तौर पर जलभराव की समस्या नहीं होती।

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