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16 फरवरी से लापता बेटे के इंतजार में पिता की हुई मौत
आगरा: 24 वर्षीय रितिक मिश्रा 16 फरवरी से लापता है. सदर थाने में गुमशुदगी दर्ज है. बेटे के इंतजार में पिता की मौत हो गई. इकलौता बेटा पिता को मुखाग्नि तक नहीं दे सका. रितिक कहां गया. उसे जमीन खा गई या आसमा निगल गया. यह सवाल परिजनों को परेशान कर रहा है. पुलिस को उनकी पीड़ा नजर नहीं आ रही है. करीब 40 दिन बाद बुंदूकटरा चौकी प्रभारी सीमा विवाद सामने ले आए. उन्होंने पीड़ित परिवार से कहा कि जांच अब एत्मादपुर थाने से होगी. उन्होंने रिपोर्ट दे दी है.
राधे गार्डन, रोहता निवासी विपिन मिश्रा ने बताया कि उनके चाचा प्रदीप मिश्रा ट्रांसपोर्टर थे. पिछले करीब डेढ़ साल से कैंसर से पीड़ित थे. चाचा का इकलौता बेटा रितिक मिश्रा कासगंज के एसएन कॉलेज से बीएससी कर रहा है. उनके घर ही रह रहा था. 16 फरवरी को प्रयोगात्मक परीक्षा देने गया था. दोपहर ढाई बजे कॉलेज से आगरा के लिए चला. बस में बैठा. रात बजे चचेरी बहन से उसकी फोन पर बात हुई. उसने बताया कि एत्मादपुर तक आ गया है. एक-दो घंटे में घर आ जाएगा. इसके बाद परिवार में किसी की रितिक से बात नहीं हुई. परिजन उसके आने का इंतजार करते रहे. वह नहीं आया, मोबाइल भी बंद था. परिजन 17 फरवरी को एत्मादपुर थाने गए. पुलिस ने सदर थाने भेज दिया. सदर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज की. जांच बुंदूकटरा चौकी पर एसआई को दी. पीड़ित परिवार ने चौकी के कितने चक्कर काटे खुद याद नहीं.
पुलिस नहीं दे रही है संतोषजनक जवाब: विपिन मिश्रा ने रोते हुए बताया कि 28 मार्च को चाचा ने दम तोड़ दिया. आखिरी समय वह सिर्फ एक ही सवाल पूछते थे. रितिक कब आएगा. कुछ पता चला. पुलिस क्या कर रही है. पुलिस ने अभी तक परिजनों को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. चौकी इंचार्ज बुंदूकटरा सुशील कुमार ने पीड़ित परिवार से कहा कि आखिरी लोकेशन एत्मादपुर की थी. मामला उसी थाने का है. उन्होंने अपनी लिखित रिपोर्ट दे दी है. जांच अब एत्मादपुर थाने से होगी. पीड़ित परिजनों ने एत्मादपुर थाने संपर्क किया. वहां उनसे कहा गया कि जांच से उनका क्या मतलब. ऐसी कोई सूचना नहीं. परिजन समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर जाएं तो जाएं कहां.