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Farrukhabad: अपहरण कर हत्या के मामले में तीन को आजीवन कारावास की सजा
फर्रुखाबाद: जमीनी रंजिश में अपहरण कर हत्या के मामले में विशेष न्यायाधीश/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार प्रथम ने तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास व 1 लाख 5 हजार-1लाख 5 हजार रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया। साक्ष्य व गवाहों के आधार पर एक को दोषमुक्त कर दिया।
विगत 2003 में 5 मार्च को शिवमंगल सिंह पुत्र पुत्तू सिंह निवासी राजेपुर ने पुलिस को दी तहरीर में दर्शाया था कि परिवारी पतिराज उर्फ लालू से मेरा जमीनी विवाद चल रहा है। जिस कारण आरोपीगण मेरे परिवार से रंजिश रखते है। 24 फरवरी 2003 को मेरा नाती रणजीत उर्फ पप्पू पुत्र राजबहादुर को आरोपी उसके ससुर का एक्सीडेंट की झूठी खबर देकर बुला ले गये। जब रंजीत लौटकर नहीं आया तो उसे रिश्तेदारी में तलाश गया। जब वह नहीं मिला तो पुलिस को तहरीर दी। 25 फरवरी को पुलिस ने गुमशुदी दर्ज कर जांच पड़ताल शुरु कर दी थी। खोजबीन के बाद पता चला कि अजीत सिंह पुत्र पतिराज उर्फ लालू निवासी राजेपुर, सुरेश सिंह पुत्र महादेव, छोटेलाल पुत्र झंकार सिंह, संजो देवी पत्नी लल्ला सिंह, सुरेन्द्र पुत्र छविनाथ पाण्डेय, लल्ला सिंह उर्फ राजेश चौहान पुत्र गेंदन सिंह समस्त निवासीगण ढकिया तिवारी थाना निगोह जिला शाहजहांपुर अपहरण करके ले गये है। इन लोगों ने रंजीत की गला दबाकर हत्या कर दी और शव को सरऊ पुल के पास फेंक दिया। पुलिस ने धारा 364, 302/34 में मुकदमा दर्ज कर लिया। 20 वर्षों तक मुकदमा चलने के बाद शासकीय अधिवक्ता हरिनाथ सिंह, राजीव भगोलिवाल, अखिलेश कुमार राजपूत, संजीव कुमार पाल की दलीलों व कुशल पैरवी के चलते विशेष न्यायाधीश ई0सी0 एक्ट/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार ने अभियुक्त अजीत सिंह पुत्र पतिराज सिंह, सुरेश सिंह पुत्र महादेव सिंह, छोटेलाल पुत्र झंकार सिंह को धारा 302/34 व 364 के आरोपो में दोषसिद्ध करार दिया। अभियुक्तों को धारा 364 में आठ वर्ष का कारावास व 30 हजार/30हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया। जुर्माना अदा न करने पर एक-एक अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। धारा 302/34 में आजीवन कारावास व 75 हजार/75 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया। अदा न करने पर एक-एक वर्ष के कारावास से दंडित किया। जुर्माने की धनराशि से दो लाख 40 हजार रुपये मृतक की पत्नी को प्रतिकर के रुप में दिया जायेगा। न्यायाधीश ने संजो पत्नी लल्ला सिंह को उक्त आरोपों से दोषमुक्त कर दिया।