उत्तर प्रदेश

यूपी में एक कॉल पर किसानों की समस्या का होगा समाधान

Rani Sahu
14 Oct 2022 10:08 AM GMT
यूपी में एक कॉल पर किसानों की समस्या का होगा समाधान
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यूपी में एक कॉल पर किसानों की समस्या का होगा समाधान

लखनऊ, (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के किसानों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने दिशा में लगातार काम कर रही है। इस कड़ी में आगामी 17 अक्टूबर को सरकार पीएम सम्मान निधि की 12वीं किश्त जारी करने को तैयार है। किश्त जारी करने के साथ ही सरकार ने किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए कॉल सेंटर कम हेल्प डेस्क सुविधा की शुरूआत करने का निर्णय किया है। इस त्रिस्तरीय हेल्प डेस्क के जरिये प्रदेश के लाखों किसान महज एक फोन कॉल पर सम्मान निधि के अलावा भूलेख अंकन ई-केवाईसी व पंजीकरण जैसी समस्याओं का चुटकी बजाते समाधान पा सकेंगे।
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ये कॉल सेंटर कम ऑनलाइन हेल्पलाइन डेस्क त्रिस्तरीय होगा। यानी तीन स्तरों पर समस्याओं का निराकरण हो सकेगा। पहला विकास खंड स्तर पर, दूसरा जनपद स्तर पर और तीसरा प्रदेश स्तर पर। सुबह 8 से शाम 8 बजे तक कृषि विभाग के कर्मी इन हेल्प डेस्क पर किसानों की समस्याओं को सुनेंगे और निश्चित समय अवधि में इनका समाधान भी करेंगे। कृषि विभाग इन हेल्प डेस्क के लिए योग्य एवं ट्रेंड कर्मी उपलब्ध कराएगा, जो दो शिफ्ट में काम करेंगे। विकास खंड स्तर पर किसानों को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर अपनी समस्या से अवगत कराना होगा जबकि जनपद और प्रदेश स्तर पर वो एक कॉल से कृषि विभाग के कर्मियों से कनेक्ट हो सकेंगे।
कॉल सेंटर/हेल्प डेस्क के द्वारा कृषि विभाग के कर्मी किसानों के नाम, पिता का नाम, मोबाइल/आधार/ पीएम किसान आईडी नंबर एवं पता के साथ किसानों द्वारा बताई गई समस्या को रिकॉर्ड करेंगे। इसके बाद उनको पीएम किसान सम्मान निधि के मानक के अनुरूप भूलेख अंकन ई केवाईसी एवं पंजीकरण के बारे में अवगत कराया जाएगा। इसके अलावा सम्मान निधि से जुड़ी अन्य समस्याओं को भी सुना जाएगा और निर्धारित समय में उसका निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा। विकास खंड स्तर पर समस्या नहीं सुलझने पर जनपद स्तर और फिर प्रदेश स्तर तक किसान अपनी बात रख सकेंगे।
गौरतलब है कि पीएम किसान सम्मान निधि की 12वीं किश्त 17 अक्टूबर को जारी की जाएगी। प्रदेश के 2.60 करोड़ किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। इन किसानों के खाते में अब तक देश और प्रदेश की डबल इंजन सरकार की ओर से 48,324 करोड़ रुपए हस्तांतरित किए जा चुके हैं।
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