उत्तर प्रदेश

कोरोना में भी किसानों ने किया कमाल, कृषि उत्पादन आयुक्त ने कही ये बात

Rani Sahu
13 July 2022 2:45 PM GMT
कोरोना में भी किसानों ने किया कमाल, कृषि उत्पादन आयुक्त ने कही ये बात
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उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) मनोज कुमार सिंह ने कहा है कि कृषि क्षेत्र की कोई तुलना नहीं की जा सकती। कोरोना काल इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लगभग सभी सेक्टर में घाटा हुआ लेकिन कृषि ही ऐसा सेक्टर था, जिसमें लगभग 3.5 प्रतिशत तक ग्रोथ हुई। उन्होंने किसानों से दलहन और तिलहन पर फोकस करने, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम को बढ़ावा देने को कहा।

मेरठ में मंगलवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ऑडिटोरियम में मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद मंडल की खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन हुआ। कृषि उत्पादन आयुक्त इसमें विशेष तौर से शामिल हुए। उन्होंने कहा कि पूरे देश में लगभग 80 हजार करोड़ का खाने का तेल आयात होता है। इसको किसी न किसी तरह से कम करना है। इसका रास्ता तिलहन का क्षेत्र बढ़ाकर व तिलहन का उत्पादन बढ़ाकर किया जा सकता है।
कोरोना के कारण करीब तीन साल बाद खरीफ गोष्ठी की शुरुआत हुई। मेरठ मंडल के कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश किसानों की धरती है। देश में अग्रणी किसान पश्चिम उत्तर प्रदेश से हैं। सहारनपुर से लेकर मुरादाबाद तक किसानों की बेल्ट है। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि खेती में किसान जो भी उर्वरक डालते हैं, उसका पूरा इस्तेमाल तभी हो सकता है, जब खेत में आर्गेनिक कार्बन हो। पूरे प्रदेश में खेत में आर्गेनिक कार्बन लगभग 0.3 पर आ गया है। यह करीब तीन से छह प्रतिशत होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अब खेती में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। सरकार चार हजार करोड़ लगाकर एक एग्रीकल्चरल इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड बनाने का विचार कर रही है। डीएम मेरठ, दीपक मीणा ने कृषि उत्पादन और पशुपालन संबंधी समस्याओं को रखा। उन्होंने कहा कि कृषि में नवीनतम तकनीक व बागवानी के लिए प्रभावशाली योजना लाया जाना आवश्यक है।
इस अवसर पर कृषि सचिव अनुराग यादव, निदेशक राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद अंजनी कुमार सिंह, मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आजंनेय कुमार, सभी जिलों के डीएम, सीडीओ, विभिन्न कृषि वैज्ञानिक, कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी, तीनों मंडल से आए किसान उपस्थित रहे।
मंडलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी में सहारनपुर के किसान सेठपाल सिंह को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया। कृषि उत्पादन आयुक्त ने मेरठ कमिश्नर के माध्यम से उन्हें मंच पर बुलाकर सम्मानित कराया। उच्चाधिकारियों के साथ बैठाया गया। उन्होंने कहा कि खेती में विविधता से किसानों को अच्छी आमदनी होगी। अब किसान केवल धान, गेहूं की खेती न करें। अब केंचुआ खाद, मूली, मटर, मशरूम, आलू, दलहन, तिलहन की भी खेती करें। आमदनी दोगुनी से अधिक होगी।
भारतीय फसल अनुसंधान प्रणाली से डॉ. प्रकाश चंद्र घासल ने आर्गेनिक खेती, बासमती निर्यात केंद्र के डॉ. रितेश शर्मा ने बासमती निर्यात, कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. विकास कुमार मलिक ने गन्ने की खेती, केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान के डॉ. रवीन्द्र कुमार ने पशुपालन पर किसानों को जानकारी दी।
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