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मथुरा के क्रय केंद्रों से किसान दूर, मात्र 11.45 गेहूं खरीद
मथुरा: मथुरा के किसानों को सरकारी क्रय केंदों पर गेहूं की बिक्री रास नहीं आ रही है. यही कारण है कि जनपद के किसान सरकारी क्रय केंदों से दूरी बनाए हुए हैं. इसका प्रमाण है कि मथुरा में अब तक महज 11.45 प्रतिशत ही गेहूं खरीद हो सकी है.
मथुरा जनपद को इस बार 93 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य मिला है. तक 10639 मीट्रिक टन की खरीद हुई थी. जून तक लक्ष्य पूर्ति करनी है. इसके लिए 89 सरकारी गेहूं खरीद केन्द्र जनपद में खोले गये हैं. साथ ही यह सुविधा भी दी गई कि बटाईदार भी एमएसपी पर अपना गेहूं बेच सकते हैं. किसानों को डर है कि अगर वह सरकारी क्रय केन्द्र पर अपना गेहूं बेचते हैं तो उनका पैसा बैंक खाते में जाएगा और बैंक वाले कर्ज के पैसे को काट लेंगे, जबकि उसे खेत में अगली फसल बोने के लिए पैसे की जरूरत है. इस स्थिति के चलते किसान खुले बाजार में सरकारी भाव से अधिक में गेहूं की बिक्री कर रहे हैं.
जिन किसानों की भूमि बैंक के पास बंधक है वह किसान भी सरकार को एमएसपी पर गेहूं बेचने से बच रहे हैं.
जनपद में जिम्मेदार एजेंसियां तय लक्ष्य के सापेक्ष ढाई महीने में 11.45 प्रतिशत गेहूं ही खरीद सकी हैं. जून तक सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीद जारी रहेगी. इसे देखते हुए यह माना जा रहा है कि लक्ष्य के सापेक्ष आधी खरीद भी होना मुश्किल है.
इधर, जिला खाद्य विपणन अधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि गांव गांव में जा कर मोबाइल क्रय केन्द्र के माध्यम से खरीद कराई जा रही है. किसानों से संपर्क किया जा रहा है. अगर किसान संपर्क करता है तो उसके घर से गेहूं उठा लिया जाएगा और वहीं रजिस्ट्रेशन कर देंगे.
जिले के सभी 89 गेहूं क्रय केदो पर गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है. अब तक सभी करे केदो पर कुल 2311 किसानों से 10639 मेट्रिक टन गेहूं की सरकारी खरीद हो सकी है. बाजार में भाव सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा मिलने के कारण किसान सरकारी क्रय केदो पर गेहूं बेचने के लिए कम आ रहे हैं. अब तक खरीद के लक्ष्य 93000 मैट्रिक टन के सापेक्ष मात्र 11.45 प्रतिशत ही खरीद हो सकी है. संतोष कुमार यादव, डिप्टी आरएमओ, खाद्य एवं विपणन