उत्तर प्रदेश

किसान हो रहे परेशान, मंडी में हड़ताल, दूसरे दिन भी नहीं हुई फसल की खरीद

Admin4
23 Jun 2022 10:18 AM GMT
किसान हो रहे परेशान, मंडी में हड़ताल, दूसरे दिन भी नहीं हुई फसल की खरीद
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किसान हो रहे परेशान, मंडी में हड़ताल, दूसरे दिन भी नहीं हुई फसल की खरीद

नवीन मंडी में आढ़ती व्यापारियों की मनमानी के विरोध में हड़ताल कर रहे हैं, जिसके कारण लगातार दो दिनों से किसानों की फसल की खरीद नहीं हो पाई है।

मैनपुरी की नवीन मंडी में मंगलवार से शुरू हुई हड़ताल बुधवार को भी जारी रही। पूरे दिन किसानों की उपज मंडी में पड़ी रही, लेकिन उसकी बिक्री नहीं हो सकी। मंगलवार को व्यापारियों की मनमानी के विरोध में आढ़तियों ने हड़ताल की थी, लेकिन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। इसी अनदेखी के चलते बुधवार को भी मंडी में खरीद नहीं हुई। किसान दिनभर यहां परेशान होते रहे पर उनकी फसल की बिक्री नहीं हो सकी।

मंगलवार को फूडग्रेन कमीशन एजेंट एसोसिएशन ने व्यापारियों द्वारा तौल में अतिरिक्त कटौती और भुगतान में कटौती को लेकर हड़ताल कर दी थी। इसके चलते मंगलवार को पूरे दिन नवीन मंडी में फसलों की बिक्री नहीं हुई थी। मंडी प्रशासन के अनुसार देर शाम वार्ता के बाद मामला सुलझा दिया गया था। लेकिन हकीकत में यह मामला बुधवार को भी नहीं सुलझ सका। इसी का नतीजा रहा कि किसानों की उपज की बिक्री नहीं हो सकी। बुधवार को भी अपनी फसल की बिक्री करने पहुंचे किसानों को केवल परेशानी ही मिली।

खरीद न होने के चलते किसान फसल की रखवाली करते नजर आए। वहीं मंडी समिति कार्यालय पर फूडग्रेन कमीशन एजेंट एसोसिएशन के पदाधिकारियों और व्यापारियों के बीच बैठक चलती रही। लेकिन बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। इसके चलते प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। अगर प्रशासन ने मंगलवार को ही ठोस कदम उठाया होता तो बुधवार को ये नौबत न आती।

व्यापारियों की इन मांगों का विरोध कर रहे आढ़ती

सात से दस दिन में फसल की कीमत भुगतान पर एक प्रतिशत कटौती

मूंगफली की 35 किलो बिना वारदाना की तौल पर साढ़े 33 किलो का भुगतान

मूंगफली की 21 किलो बिना वारदाना की तौल पर 20 किलो का भुगतान

मक्का की 55 किलो की तौल पर 54 किलो का भुगतान

'हमेशी किसान से लूट होती आई'

आलीपुर खेड़ा के किसान हुकुम सिंह ने कहा कि किसानों से हमेशा ही मंडी में लूट होती आई है। पहले मनमानी कीमतों पर व्यापारी खरीद करते थे तो वहीं अब कटौती बढ़ाते जा रहे हैं। अगर ऐसे ही कटौती बढ़ती रही तो एक दिन आधे रुपये व्यापारी ही ले लेंगे। अकबेलपुर के मुनीश कुमार ने कहा कि हमेशा से ही किसानों के लिए खेती घाटे का सौदा रही है। खेत में नुकसान के बाद किसी तरह मंडी फसल पहुंचाओ तो यहां भी कटौती का खेल चल रहा है। जिले के अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, किसान क्या करें ?

आढ़ती बोले- किसानों के हक की लड़ाई

आढ़ती खजान सिंह ने कहा कि हम किसानों के हक के लिए ही लड़ रहे हैं। अगर किसान की तौल में अधिक कटौती की जाएगी तो कौन जिम्मेदार होगा। एसोसिएशन के पदाधिकारी अधिकारियों से वार्ता कर रहे हैं, जल्द ही कोई निदान निकाला जाएगा। आढ़ती नीटू राजपूत ने कहा कि आढ़ती के विश्वास पर ही किसान अपनी उपज बेचने के लिए उनके पास लाता है। ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके साथ धोखा न होने दें। इसी के लिए हम लड़ रहे हैं। किसानों के हित में जो जरूरी होगा किया जाएगा।

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