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पुलिस चौकी के पास बन रहा था नकली प्रोटीन, तीन आरोपियों को भेजा जेल
मेरठ: ब्रांडेड कंपनियों के नाम से नकली प्रोटीन बनाकर बेचने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने अदालत में पेश किया। जहां से उनको जेल भेज दिया गया। हैरानी की बात ये है कि इस्लामाबाद पुलिस चौकी के पास बन रहे नकली प्रोटीन की भनक तक पुलिस को नहीं लगी। पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन लाख रुपये नकद और 180 डिब्बे प्रोटीन के बरामद किये हैं। नकली प्रोटीन बुलंदशहर, हापुड़ और मेरठ में छह से साढ़े हजार रुपये में बेचा जा रहा था।
सीओ कोतवाली अमित राय ने बताया कि इस्लामाबाद इलाके में नकली प्रोटीन सप्लीमेंट पाउडर बनाए जाने की सूचना मिल रही थी। टीम ने घेराबंदी करके रहमतपुरा में प्रोटीन बनाने वाले वजाहत राणा, ईशान राणा के मकान पर छापा मारा। पुलिस को देखकर उसके आधा दर्जन से ज्यादा साथी फरार हो गए। उनके बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है। पुलिस की पूछताछ में वजाहत राणा ने बताया कि तीन साल से मकान में नकली प्रोटीन तैयार कर रहे थे।
आरोपी अमन राणा ने पुलिस को बताया कि शहर की अधिकतर दुकानों पर वह माल सप्लाई करता है। इसके अलावा आसपास के जिलों में भी माल भेजा जा रहा था। बरामद माल की कीमत करीब 10 लाख रुपये बताई जा रही है। इस्लामाबाद पुलिस चौकी से चंद कदम की दूरी पर नकली प्रोटीन पाउडर बनाने की फैक्टरी चल रही थी। तीन साल से अमन नकली पाउडर बाजार में बेच रहा था।
पुलिस चौकी की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। एसपी सिटी पीयूष सिंह का कहना है कि पुलिस कर्मियों की जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले अगस्त 2022 में कंकरखेड़ा में शाहरुख के मकान पर छापा मारकर बड़ी कार्रवाई की गई थी।
पुलिस ने मौके से नकली फूड सप्लीमेंट, प्रोटीन, कैप्सूल और मकान के तहखाने से 42 लाख 39 हजार रुपये बरामद किए थे। यहां से छह दुकानदार गिरफ्तार किए गए थे। खैरनगर में सबसे ज्यादा प्रोटीन का बाजार है। जहां से मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, बागपत, बिजनौर, शामली और दूसरे राज्य में प्रोटीन सप्लाई हो रहा था।
ज्यादा प्रोटीन पाउडर खाने के नुकसान: इंसुलिन लेवल ज्यादातर जिम जाने वाले लोग या बॉडी बिल्डर्स वर्कआउट करने के बाद प्रोटीन पाउडर का सेवन करते हैं। किडनी को नुकसान और पाचन संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। ब्लड में एसिड का स्तर बढ़ सकता है। मुंहासों की समस्या ज्यादा हो सकती है। प्रोटीन पाउडर लेने से शरीर में न्यूट्रिशन का असंतुलन हो सकता है। प्राकृतिक प्रोटीन जैसे अंडे, दूध और मीट लेने से ऐसा होने की संभावना कम होती है। प्रोटीन पाउडर से ज्यादा मात्रा में प्रोटीन ही मिलता है
जो ज्यादा डेन्स होता है और उसे पीने से पोषण का असंतुलन हो सकता है। लेक्टोफेरिन जैसे एंटिबायोटिक कंपाउंड के चलते वयस्क आंत में समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे पेट खराब रह सकता है और इससे गैस या अपच की समस्याएं पैदा हो सकती हैं। कुछ कंपनियों के प्रोटीन पाउडर में काफी मात्रा में टॉक्सिक मेटेल्स यानी विषाक्त पदार्थ होते हैं। जो शरीर के लिए नुकसानदायक हैं। इन्हें लेने से सिरदर्द, फेटीग्यू, कब्ज और मासपेशियों में दर्द की शिकायत हो सकती है।
पहले भी पकड़ा गया नकली प्रोटीन
19 मार्च, 2021-पंजाब पुलिस ने स्थानीय ड्रग्स विभाग की मदद से परतापुर इलाके में छापा मारकर नशीली दवाइयों के काले कारोबार का भंडाफोड़ किया था।
30 जुलाई, 2020-लिसाड़ी गेट में एक साथ तीन स्थानों पर छापा मारकर 25 लाख की नकली दवाइयां व प्रोटीन पाउडर बरामद किया था।
26 अगस्त, 2019-ब्रह्मपुरी पुलिस ने माधवपुरम सेक्टर-4 में छापा मारकर नकली प्रोटीन सप्लीमेंट की फैक्टरी पकड़ी थी।
27 फरवरी, 2015-मोहकमपुर क्षेत्र में एक कंपनी पर छापा मारकर नकली पाउडर का जखीरा पकड़ा था।
औषधि विभाग ने एक लाख के प्रोटीन इंजेक्शन किए जब्त: जिले में अवैध रूप से प्रोटीन बेचने का मामले रुकने का नाम नहीं ले रहें है। औषधि विभाग ने एक युवक को दबोचा है जिसके पास से एक लाख रुपये मूल्य के प्रोटीन इंजेक्शन बरामद हुए है। युवक इन इंजेक्शनों को मेडिकल के सामने स्थित दुकानों पर बेचने आया था। औषधि विभाग के अनुसार मुखबिर से प्राप्त सूचना व सहायक आयुक्त (औषधि) मेरठ मंडल के निर्देश पर औषधि निरीक्षक प्रियंका चौधरी व पियूष कुमार ने पुलिस के साथ छापेमारी करते हुए एल्बुमिन नाम के प्रोटीन इंजेक्शन जब्त किए है। यह इंजेक्शन आस्ट्रिया व मुंबई में बने बताए जा रहें है। अवैध रूप से इन्हें बेचने वाले युवक का नाम अंकित सैनी उम्र 22 वर्ष है जो भुमिया का पुल क्षेत्र का रहने वाला है। पकड़े गए इंजेक्शनों की कीमत लगभग एक लाख 81 सौ रुपए है। विभाग ने आरोपी को हिरासत में लेकर पुलिस को सौंप दिया। वहीं पूछताछ के बाद कई जगह छापेमारी की जा रही है। पकड़े गए इंजेक्शनों को औषधि अधिनियम में सीज किया गया है। साथ ही इनका नमूना लेकर जांच के लिए राजकीय प्रयोगशला भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आनें के बाद सक्षम न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।