उत्तर प्रदेश

नकली रासायनिक उर्वरक बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, खाली बोरे और सिलाई मशीन बरामद

Shantanu Roy
12 Nov 2022 10:04 AM GMT
नकली रासायनिक उर्वरक बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, खाली बोरे और सिलाई मशीन बरामद
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बड़ी खबर
बरेली। शहर में दीपावली के बाद से हवा की सेहत बिगड़ रही है। प्रदूषण से दमा, अस्थमा, सांस, खांसी, जुकाम और हृदय रोगियों की संख्या बढ़ गई है। सरकारी और निजी अस्पतालों में भी फेफड़े संबंधी रोगों से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इसका मुख्य कारण है कि शहर में कोहरे के साथ स्मॉग का असर है।
फेफड़े संबंधी बीमारी के रोगी रहें सतर्क
वरिष्ठ फिजिशियन डा. अनुपम शर्मा के अनुसार प्रदूषण किसी भी आयु वर्ग के लिए खतरनाक है। जो लोग सुबह टहलने के लिए निकलते हैं। वे इस दौरान बाहर न निकलें, क्योंकि सुबह ही कोहरे के साथ स्मॉग का खतरा अधिक रहता है । मास्क का प्रयोग करें और अगर अस्थमा, ब्रांकाइटिस, एलर्जी या फेफड़े के संक्रमण का उपचार चल रहा है तो समय पर दवाएं, चिकित्सक से सलाह लेते रहें।
जिला अस्पताल में भी बढ़े सांस संबंधी मरीज
जिला अस्पताल के एडीएसआईसी डा. मेघ सिंह के अनुसार दिवाली के बाद से हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर सामान्य से काफी खराब हो गया है, जो कि लोगों की सेहत के लिए खतरनाक है। ओपीडी में दमा, सांस और हृदय रोगियों की संख्या 10 फीसदी बढ़ी है। 3 माह पहले जहां रोज ऐसे मरीजों की संख्या 40 से 50 तक थी वर्तमान में 100 से अधिक है।
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