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Faizabad: मेडिकल कॉलेज के उपकरणों की खरीद में प्रतिदिन नए-नए तथ्य सामने आए
फैजाबाद: हर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज में उपकरणों की खरीद में प्रतिदिन नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं. अब बिलों के जीएसटी में भी गड़बड़ी सामने आ रही है. राज्य वाणिज्यकर विभाग भी इस प्रकरण की जांच शुरू करने जा रहा है. अभी तक ओवररेटिंग को लेकर सीडीओ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय टीम जांच कर रही है. कुछ बिन्दुओं पर डीएम ने शासन से दिशा-निर्देश मांगा है.
मेडिकल कॉलेज में उपकरण की खरीद विभाग के नाम पर की गई है. विभाग में कई उपकरण व अन्य सामान की खरीद की है. विभाग के नाम पर बने बिल को एक यूनिट दिखाया गया है, जबकि उस बिल पर सैकड़ों यूनिट हो सकता है. जीएसटी की दर भी एक ही रखी गई है, जबकि उपकरणों पर अलग-अलग जीएसटी दर होना चाहिए. एक समान जीएसटी दर लेने पर कुछ उपकरणों की जीएसटी दर अधिक होगी तो कुछ की कम होगी. अधिक दर होने पर मेडिकल कॉलेज के राजस्व की क्षति है. कम दर होने पर सरकार को राजस्व घाटा होगा. जीएसटी नियम बताते हैं कि विभाग के नाम पर एक इन्वायस तो बन सकता है, लेकिन इसी इन्वायस पर सभी सामानों का विवरण, मूल्य, जीएसटी दर को दर्ज करना होगा. यदि ऐसा नहीं है तो यह जीएसटी नियमों का सीधा उल्लंघन है.
बताते चलें कि महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज ने एक फर्म से फिजियोथेरेपी और नेत्र विभाग का एक-एक यूनिट सामान खरीदा है. इन्हीं फर्मों से संबंधित एक दूसरी फर्म से एक यूनिट माइक्रोबायोलोजी डिपार्टमेंट का सामान खरीदा गया है. फिजियोथेरेपी डिपार्टमेंट की खरीद 2023 को 22 लाख 38 हजार 980 रुपये की हुई है. इसर कोई जीएसटी दर नहीं लगाया गया है. इसका एचएसएन कोड 3019 है. इसी फर्म ने नेत्र विभाग को एक यूनिट की सप्लाई दी. जिसका मूल्य 24 लाख 79 हजार 850 रुपया है. इस पर भी जीएसटी नहीं लगाया गया है. इसका भी एचएसएन कोड 3019 है. जबकि माइक्रोबायोलोजी डिपार्टमेंट के लिए 24 लाख 69 हजार 750 रुपये का सामान खरीदा गया.
एक यूनिट बताते हुए इसका भी एचएसएन कोड 3019 है. इस बिल पर एक लाख 32 हजार 308 रुपये का राज्य कर तथा इतना ही केंद्रीय कर दिया गया है.