उत्तर प्रदेश

Faizabad: अधिकांश सरकारी अस्पतालों के पास नहीं है फायर एनओसी

Admindelhi1
2 Dec 2024 6:25 AM GMT
Faizabad: अधिकांश सरकारी अस्पतालों के पास नहीं है फायर एनओसी
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एनओसी व आडिट को लेकर ज्यादातर सरकारी अस्पतालों ने फायर विभाग से सम्पर्क ही नहीं किया

फैजाबाद: सरकारी अस्पतालों का नये सिरे से फायर आडिट कराने जाने का निर्देश उपमुख्यमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करके दिया था. इसके बाद भी फायर एनओसी को लेकर जिले के सरकारी अस्पताल लापरवाह है. जिले के अधिकांश सरकारी अस्पतालों के पास फायर एनओसी नहीं है. एनओसी व आडिट को लेकर ज्यादातर सरकारी अस्पतालों ने फायर विभाग से सम्पर्क ही नहीं किया है.

मुख्य अग्निशमन अधिकारी एमपी सिंह ने बताया कि जिले के सरकारी अस्पतालों में महिला अस्पताल की नई बिल्डिंग, सौ सैया अस्पताल कुमारगंज व अन्य सीएचसी की फायर एनओसी नहीं है. महिला अस्पताल में पुराने भवन की फायर एनओसी है लेकिन नये की नहीं है. कुमारगंज सौ शैया अस्पताल की तरफ से फायर आडिट करने का अनुरोध आया है, लेकिन अन्य अस्पतालों की तरफ से कोई पत्राचार नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि फायर विभाग समय-समय पर अभियान चलाकर सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण करता रहता है. फायर एनओसी के लिए अस्पताल को निरीक्षण के बाद कमियां बताई जाती है. जब बताई गयी कमियों को अस्पताल पूरी तरह से दूर कर लेता है, उसके बाद ही उसे फायर एनओसी दी जाती है.

एनओसी न मिलने पर कैसे होगा सुरक्षा का यकीन

सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में लोग इलाज के आते है. अस्पताल में आने वाले मरीजों के सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी अस्पताल प्रशासन की है. इसमें एक प्रमुख आग लगने से भी सुरक्षा करने की है. आग से सुरक्षा को लेकर विशेषज्ञ की सलाह व उसके उपर अमल करना आवश्यक है. लेकिन अस्पतालों की फायर एनओसी नहीं होगी. निरीक्षण के बाद कमियों को दूर नहीं किया जाएगा तो मरीजों को सुरक्षित होने की गारंटी कौन ले सकेगा.

शासन से फायर व इलेक्ट्रिक आडिट की मांगी गयी सूचना

जिले के अस्पतालों के फायर व इलेक्ट्रिक आडिट की सूचना शासन स्तर से मांगी गयी है. अपर निदेशक स्वास्थ्य डा. सुशील प्रकाश ने बताया कि फायर व इलेक्ट्रिक आडिट को लेकर शासन स्तर से मांगी गयी सूचना पर रिपोर्ट तैयार कर ली गई है. जिसमें मण्डल के अन्य अस्पतालों के साथ जिले का पुरुष, महिला व श्रीराम चिकित्सालय शामिल है. यहां मौजूद कमियों पर शासन एक्शन लेगा. विभागीय स्तर पर जो भी कमियां होगी उसे दूर किया जाएगा.

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