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Faizabad: विद्युत सुरक्षा निदेशालय ओवरलोडिंग को लेकर अस्पतालों को जागरुक करेगा
फैजाबाद: विद्युत सुरक्षा निदेशालय अयोध्या जोन शार्ट सर्किट से आग लगने की घटनाओं रोकने के लिए विद्युत ओवरलोडिंग को लेकर अस्पतालों को जागरुक करेगा. वीडियों कांफ्रेंसिंग के दौरान प्रमुख सचिव द्वारा अस्पतालों की फायर व विद्युत आडिट जल्द पूरा करने के निदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग एक्टिव हो गया है. जिले के सभी अस्पतालों में इसकी समीक्षा की जा रही है.
जिले के सरकारी अस्पतालों के पास इलेक्ट्रिक सेफ्टी एनओसी नहीं है. इसके साथ में ज्यादातर सरकारी अस्पतालों के पास फायर एनओसी भी नहीं है. झांसी की घटना के बाद विभाग अब एक्टिव हुआ है. विद्युत सुरक्षा निदेशालय अयोध्या जोन के सहायक निदेशक नरेन्द्र यादव ने बताया कि अस्पतालों में ओवरलोडिंग से शार्ट शर्किट की दिक्कतें होने की सम्भावना रहती है. क्योंकि वायरिंग लोड के अनुसार होती है. कई बार अलग से उपकरण भी लगा लिए जाते है. जिसकी वजह से दिक्कतें हो सकती है. इसके लिए अस्पताल को समय-समय पर इसकी समीक्षा करते रहना चाहिए. सीएमओ डा संजय जैन ने बताया कि जिले की सीएचसी स्तर पर एक संस्था ने 2018 में फायर फाईटिंग सिस्टम लगाने का कार्य शुरु किया था. जिसमें उसके द्वारा 70 से 80 प्रतिशत कार्य किया गया था. संस्था आगे काम नहीं कर रही थी. इसके बाद संस्था को नोटिस डीएम व महानिदेशक स्तर तक से दी गई. अब संस्था ने 31 तक समय इस कार्य को पूरा करने के लिए मांगा है.
मृत्यु को याद रखेंगे तो कभी भी पाप नहीं होंगे शास्त्रत्त्
विकास खंड क्षेत्र अंतर्गत एक्सेल वर्ल्ड पब्लिक स्कूल परिसर भैरोपुर टिकरा में को सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा शुरू होने के पूर्व दिन में कलश यात्रा निकाली गई.
कलश यात्रा ग्राम पंचायत के पास स्थित रामायण कालीन देवी स्थल कवरजा माता धाम से होते हुए विभिन्न स्थानों से गुजरी और कथा स्थल पर आकर समाप्त हुई. शाम को भागवत स्थापना पूजा के बाद पहले दिन अयोध्या धाम के कथा व्यास राधेश्याम शास्त्रत्ती द्वारा श्रीमद भागवत कथा के महात्म्य के बारे में विस्तार से व्याख्यान किया गया. कथा के दौरान कुंती, भीष्म, परीक्षित के जन्म का प्रसंग भी सुनाया गया. कथा व्यास ने बताया कि भगवान की भक्ति करने से मनुष्य के सभी पाप मिट जाते हैं. हर व्यक्ति को अपने जीवन में भगवान की भक्ति जरूर ही करनी चाहिए. क्योँकि भक्ति से ही मनुष्य का जीवन सदा के लिए सुधर सकता है. उसके सभी पाप धुल जाते है. जो खेल बीत गया है उसको याद मत करो. अब जो बचा है उसका सदुपयोग कर ले तो जीवन का सदुपयोग हो सकता है.
कथा को आगे बढ़ाते हुए कथा व्यास ने कहा कि राजा परीक्षित ने सुखदेव महाराज से पूछा कृपा करके आप मुझे ये बताइए कि जिस व्यक्ति के पास केवल सात दिन है तो उसको इन दिनों में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. इस प्रश्न को सुनकर सुखदेव ने बहुत ही प्रसन्न हुए क्योँकि सुखदेव से जो प्रश्न किया गया है वह जन कल्याण के लिए किया गया है. आरती और प्रसाद वितरण के बाद देर रात पहले दिन की कथा को विश्राम दिया गया. श्रीमद् भागवत कथा के दौरान मुख्य यजमान पंडित अमरनाथ पाण्डेय, राजेश्वरी पाण्डेय, अयोध्या के मेयर गिरीश पति त्रिपाठी, ओम प्रकाश पाण्डेय, श्री दत्त पाण्डेय, दिनेश पाण्डेय, पवनेश पाण्डेय, जगदीश पाठक, दीपू पाठक, विनोद तिवारी, डॉ गिरीश, अंबरीश सहित अन्य श्रोता शामिल रहे.