उत्तर प्रदेश

भारत जोड़ो यात्रा से उत्साहित कांग्रेस 'पदयात्रा' से उत्तर प्रदेश पर भी साधेगी निशाना

Admin Delhi 1
8 Oct 2022 9:34 AM GMT
भारत जोड़ो यात्रा से उत्साहित कांग्रेस पदयात्रा से उत्तर प्रदेश पर भी साधेगी निशाना
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मेरठ न्यूज़: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से उत्साहित कांग्रेस उत्तर प्रदेश में भी यही प्रयोग करने जा रही है। 'पदयात्रा' के जरिए लोगों को जोड़ा जाएगा और पार्टी की नीतियों से अवगत कराया जाएगा। हांलाकि पार्टी ने अभी इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है लेकिन पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ब्रजलाल खाबरी का कहना है कि पार्टी इस पर विचार कर रही है।

ब्रजलाल खाबरी ने 'जनता से रिश्ता' से विशेष बातचीत कर रहे थे। क्या पार्टी ब्रजलाल खाबरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर 'दलित-मुस्लिम' गठजोड़ के आधार पर मिशन 2024 को फतह करने की तैयारी कर रही है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी में समीकरणों की राजनीति नहीं होती और यहां सभी फैसले नीतिगत लिए जाते हैं। स्थानीय निकाय चुनाव से लेकर मिशन 2024 को लेकर पूछ गए सवालों पर प्रेदश अध्यक्ष कहते हैं कि आप देखिए मिशन तो फतह होगा ही साथ ही साथ कांग्रेस की किस्तम भी बदलेगी क्योंकि आम नागरिक अब भाजपा के नाम से भी दूर भागना चाहता है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर पूछ गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह यात्रा वैसे तो 14 राज्यों से होकर गुजरेगी जिसमें यूपी भी शामिल है, लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि जिन क्षेत्रों से यह यात्रा नहीं गुजर पाएगी वहां पर कांग्रेस को मजबूती देने के लिए विशेष रणनीति अपनाई जाएगी। लोकसभा चुनावों में पार्टी की रणनीति को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में ब्रजलाल खाबरी ने कहा कि यह सब पार्टी हाईकमान तय करेगा लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि 'अखाड़े में लंगोट बांध कर लड़ने की क्षमता हर किसी में नहीं होती' और हम पिछले चुनावों में सभी सीटों पर चुनाव लड़े थे। जिले व महानगर संगठन में बदलाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि मॉनिटिरिंग के बाद इस पर फैसला होगा। उन्होंने कहा कि जहा संगठन ठीक काम कर रहा है वहां कोई दिक्कत नहीं होगी लेकिन जहां दिक्कते दिखेंगी वहां आवश्यक कार्रवाई संभव है।

कांग्रेस: नई ताजपोशी या फिर पुरानों पर भरोसा!

कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर संभावित नेतृत्व परिवर्तन का कितना फायदा पार्टी को मिलेगा यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है, लेकिन उत्तर प्रदेश में पार्टी की पतली हो चुकी हालत को सुधारने के लिए पार्टी हाईकमान जरूर सक्रिय हो गया है। पार्टी यहां नए समीकरणों के आधार पर मिशन 2024 को फतह करने की रणनीति पर विचार कर रही है। दरअसल, यूपी की राजनीति इस समय कांगे्रस के लिए किसी बड़े चेलेंज से कम नहीं है। यहां अपने खोए जनाधार को वापस पाने के लिए पार्टी छटपटा रही है। प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दलित को सौंपना पार्टी की किसी विशेष रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। यदि स्थानीय स्तर पर पार्टी की बात करें तो यहां कांग्रेस में बदलाव की चर्चाएं हवा में तैर रही हैं। नए प्रदेश अध्यक्ष की टीम में स्थानीय स्तर पर बदलाव होगा या फिर पुरानों पर ही भरोसा किया जाएगा यह भी आने वाला समय ही बताएगा लेकिन प्रेदश में नेतृत्व परिवर्तन के बाद सुगबुगाहटों का दौर भी शुरु हो गया है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि कांग्रेस प्रदेश में दलित व मुस्लिम आधारित राजनीति का प्रयोग करने जा रही है। इसी आधार पर इन जानकारों का मानना है कि मेरठ में जिले की कमान हो सकता है कि किसी दलित को सौंप दी जाए। जबकि शहर में अध्यक्ष का पद मुस्लिम के पास ही रहे।

अगर जिले की बात करें तो मोनिन्दर सूद से लेकर ममता वाल्मीकि, योगी जाटव व राजेन्द्र सिंह (मवाना) के अलावा पूर्व सांसद शांति त्यागी के बेटे अनिरुद्ध त्यागी, गौरव भाटी, युगांश राणा व मोहसिना किदवई के करीबी माने जाने वाले सतीश शर्मा के नाम चर्चाओं में हैं। हांलाकि वर्तमान जिलाध्यक्ष भी अपने रिपोर्ट कार्ड के साथ अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कतार में हैं। उधर, महानगर में वर्तमान अध्यक्ष जाहिद अंसारी का दावा मजबूत माना जा रहा है। हालांकि नसीम कुरैशी, एम. इमरान व शबी खान भी लाइन में हैं। इसके अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. यूसुफ कुरैशी के बेटे शहजाद कुरैशी भी दावेदार हैं।

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