उत्तर प्रदेश

शराब का ज्यादा सेवन समय से पहले बूढ़ा कर दे रहा दिमाग, अब स्वस्थ होने लगे हैं ब्रेन फॉग के मरीज

Harrison
23 Sep 2023 2:05 PM GMT
शराब का ज्यादा सेवन समय से पहले बूढ़ा कर दे रहा दिमाग, अब स्वस्थ होने लगे हैं ब्रेन फॉग के मरीज
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उत्तरप्रदेश | शराब का अत्यधिक सेवन दिमाग की तंत्रिकाओं को प्रभावित कर रहा है. इससे तांत्रिकाएं कमजोर हो रही हैं. दिमाग समय से पहले बूढ़ा हो जा रहा है. शराब पीने वाले की याद्दाश्त कमजोर हो जा रही है. युवा भी अल्जाइमर का शिकार हो जा रहे हैं. जिला अस्पताल में अल्जाइमर का इलाज करने वाले मरीजों की उम्र में गिरावट देखी जा रही है.
जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. अमित शाही ने बताया कि शराब का अत्यधिक सेवन मस्तिष्क की क्रियाशीलता को संतुलित करने वाले न्यूरॉन पर सीधा असर करता है. इससे न्यूरॉन का आकर कम हो जाता है. दिमाग में न्यूरॉन की संख्या में भी तेजी से कमी आ जाती है.
आम बोलचाल में इसे ‘सठियाने’ की बीमारी कहते हैं. आमतौर पर यह बीमारी 60 वर्ष की उम्र के बाद होती है लेकिन अब युवा भी इसकी जद में आने लगे हैं. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. तपस आइच ने बताया कि शराब में मौजूद अल्कोहल और एथेनॉल का सीधा असर दिमाग पर पड़ता है. ज्यादा शराब पीने की वजह से दिमाग में हिप्पोकैम्पस काम करना बंद कर देता है. हिप्पोकैम्पस ही यादों को स्टोर करता है.
अब स्वस्थ होने लगे हैं ब्रेन फॉग के मरीज
मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सक डॉ. आमिल हयात खान ने बताया कि कोरोना संक्रमण का असर दिमाग की तंत्रिकाओं पर पड़ा था. दिमाग में प्रोटीन और दूसरे रसायन का संतुलन बिगड़ा गया था. इससे लोगों की याददाश्त कमजोर हुई थी. इसे ब्रेन फॉग कहते हैं. अब यह ठीक होने लगा हैं. ब्रेन फॉग से पीड़ित लोगों की याद्दाश्त बेहतर हो रही है.
न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है अल्जाइमर
मनोचिकित्सक डॉ. अमित शाही ने बताया कि यह न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है. इस बीमारी में दिमाग की ऐसी कोशिकाएं जो याददाश्त को कंट्रोल करती हैं, वह सूखने लगती हैं. इसका असर याद्दाश्त पर सीधे पड़ता है. मरीज की निर्णय लेने की क्षमता घट जाती है. उम्र के साथ-साथ मरीजों की याददाश्त कमजोर हो जाती है.
मोटापे भी से हो सकता है अल्जाइमर
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सक डॉ. आमिल हयात खान ने बताया कि शारीरिक रूप से सक्रिय न रहना, मोटापा, शुगर, सिर पर चोट लगना, सुनने की क्षमता का कमजोर होना, इस रोग की प्रमुख वजह है. यह रोग दिमाग में टाऊ टैंगल्स प्रोटीन को बनने से रोकता है. इससे दिमाग का संतुलन बिगड़ जाता है.
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