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शहर में नए बस स्टैण्ड बनने से पहले ही किराया वृद्धि ने फंसाया पेंच
झाँसी: शहर में नए बस स्टैण्ड निर्माण में नगर निगम द्वारा लीज पर दी जा रही भूमि में वार्षिक किराए वृद्धि की शर्त परिवहन निगम के गले की फांस बन गया. शहर के बीचों-बीच बस स्टैण्ड को शहर के बाहर स्थानांतरित की मांग पर नगर निगम ने कोछाभांवर में करीब सात एकड़ भूमि उपलब्ध कराई थी. वार्षिक किराया निर्धारण के साथ नगर निगम वार्षिक किराए में 5 प्रतिशत की वृद्धि की शर्त रख दी. इधर परिवहन विभाग नए स्टैण्ड को पीपीपी मॉडल पर तैयार कराने की तैयारी कर रहा था, लेकिन 5 प्रतिशत वार्षिक किराए की शर्त के कारण पूरा मामला अटका पड़ा है. प्रबंध निदेशक द्वारा नगर आयुक्त को पत्र जारी कर वार्षिक किराए की शर्त को रद्द करने के लिए पत्राचार किया गया. लेकिन शासन से स्पष्ट आदेश न मिलने पर नगर निगम भी अपनी पुरानी शर्त पर अड़ा हुआ है. शहर में बीचों-बीच बस स्टैण्ड होने से बढ़ रहे ट्रेफिक जाम की समस्या को लेकर परिवहन निगम ने बस स्टैण्ड को शहर के बाहर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा था.
इसके लिए परिवहन विभाग ने नगर निगम ने करीब सात एकड़ भूमि की मांग की थी. तत्कालीन नगर आयुक्त शहर में एक साथ सात एकड़ भूमि उपलब्ध कराने के लिए शहर के कोछाभांवर सहित अन्य स्थानों पर भूमि का सर्वें कराया. परिवहन निगम ने कोछाभांवर में भूमि को चिंहित कर लीज पर दिए जाने की मांग पर नगर निगम ने भूमि की पैमाइश कराते हुए परिवहन निगम को उक्त भूमि 14,17,273 रुपए के वार्षिक किराए पर दे दी. इतना हीं उक्त भूमि को अगले 30 साल की लीज पर परिवहन निगम को दिए जाने का प्रस्ताव तैयार कर दिया. नगर निगम ने इसमें एक शर्त यह भी जोड़ दी कि उक्त किराया में हर साल 5 प्रतिशत की वृद्धि शामिल रहेगी. इधर परिवहन विभाग वार्षिक किराए पर राजी हो गया, लेकिन हर साल 5 प्रतिशत किराया वृद्धि की शर्त पर अटक गया. विभाग ने यह मांग रखी कि उक्त भूमि को 30 साल की लीज पर नहीं, बल्कि अगले 90 साल की लीज पर दें. मई 2023 से लगातार इस पर पत्राचार भी चलता रहा. प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवन ने सचिव परिवहन विभाग को इस सम्बंध में पत्र लिखकर वार्षिक किराए की बढ़ोत्तरी वाली शर्त को रद्द करने के लिए पत्र लिखा.