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उत्तर प्रदेश
एटा : सप्ताह में एक बार खुलने वाला पीएचसी खुद बीमार, दूसरों का इलाज कैसे करेगा
Bhumika Sahu
14 July 2022 4:55 AM GMT
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सप्ताह में एक बार खुलने वाला पीएचसी खुद बीमार
जनता से रिश्ता वेबडेस्क एटा/मारहरा. शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं में सम्मिलित स्वास्थय सेवाओं का जिले के अधिकारी इस तरह से दुरुपयोग करेंगे इसका अंदाजा तो किसी ने लगाया भी नहीं होगा. वहीं शासन प्रशासन द्वारा घर-घर स्वास्थ्य सेवाएं दिए जाने के फरमान भी जारी किए जा चुके हैं, लेकिन पिवारी का स्वास्थय उप केन्द्र एक सप्ताह में एक दिन खुलने से स्वास्थ्य सेवाओं की खानापूर्ति करता नजर आ रहा है. ऐसा नहीं है कि विभागीय अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं हो, जानकारी के बाद भी ग्रामीणों के हित में स्वास्थ्य विभाग चेतता नजर नहीं आ रहा है. इससे ग्रामीणों में रोष है. ग्रामीणों ने डीएम एपं आयुक्त अलीगढ से पीएचसी पिवारी के 6 दिन बंद रहने की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कराए जाने की मांग की है.
विकास खंड मारहरा के पिवारी स्वास्थ्य उप केन्द्र एक महीन में मात्र 4 दिन ही खुलने को लेकर ग्रामीणों में रोष है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाने के लिए यदि 7 किमी. दूर चलकर उनको मारहरा सीएचसी पर ही जाना था तो पिवारी पर पीएचसी की स्थापना ही क्यों की गई थी. यह उप केन्द्र सप्ताह में केवल एक ही दिन खुलात है बाकी 7 दिन बंद रहता है. वहीं एक दिन भी किसी चिकित्साधिकारी को नहीं बल्कि उस एक दिन भी फर्मासिष्ट ही मरीजों को दवा वितरण की खानापूर्ति कर चला जाता है. वही विभागीय अधिकारी सप्ताह में एक दिन एक वार्ड व्याय से पीएचसी को खुलवा कर खानापूर्ति कर रहा है. इस पीएचसी पिवारी क्षेत्र के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्राइवेट झाोलाछाप चिकित्सकों का सहारा लेना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने डीएम अंकित कुमार अग्रवाल एवं आयुक्त अलीगढ़ मण्डल गौरव दयाल से इस पीएचसी की जांच कराकर दोषियों के बिरूद्ध कार्रवाई कराए जाने की मांग की है. मांग करने बालों में जितेन्द्र कुमार, विनय कुमार, राजकुमार, पप्पू उपाध्याय, सोनू , गिरीश आदि प्रमुख हैं.
पीएचसी बंद होने से गंदगी एवं झाडियों से फैल रही बीमारियां
मारहरा। मारहरा क्षेत्र की पीएचसी पिवारी महीने में 4 दिन खुलने एवं 26 दिन बंद रहने से कैंपस में गंदगी का अंबार लग चुका है साथ ही इस केंपस में साफ सफाई ना होने से पूरे कैंपस में बड़ी—बड़ी झाड़ियां खड़ी हो चुकी हैं. साथ ही लाखों रूप्या की सरकारी लागत से बनी यह पीएचसी खंडहर में तबदील होती जा रही है. इसी विकास खण्ड के गांव उदिदमपुर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते दो दिन पूर्व गांव में डायरिया के प्रकोप से एक छोटी बच्ची की मौत के बाद 24 मरीजों की पुष्टि जांच के दौरान हो चुकी है. यदि शीघ्र ही पीएचसी पिवारी प्रतिदिन नहीं खुलबाई गई तो उदिदमपुर की घटना जैसी पुनरावृत्ति से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.
क्या बोले सीएमओ
वहीं सीएमओ उमेश त्रिपाटी से बात करने का काफी प्रयास किया गया लेकिन उनका मोबाइल रिसीव नहीं हुआ
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