उत्तर प्रदेश

आयुष एडमिशन घोटाला : यूपी एसटीएफ ने 12 लोगों को किया गिरफ्तार

Rani Sahu
18 Nov 2022 6:43 AM GMT
आयुष एडमिशन घोटाला : यूपी एसटीएफ ने 12 लोगों को किया गिरफ्तार
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लखनऊ, (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने आयुष एडमिशन घोटाले के सिलसिले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने 7 नवंबर को आयुष एडमिशन घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी थी।
एसटीएफ के एक अधिकारी ने एस.एन. सिंह ने दो अन्य अधिकारी उमाकांत यादव और भास्कर के साथ फर्म से जुड़े नौ अन्य लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
उन्हें गुरुवार देर रात लखनऊ के हजरतगंज से गिरफ्तार किया गया और आपराधिक साजिश (धारा 120 बी), बेईमानी (420), धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी (468), धोखाधड़ी या बेईमानी से किसी भी दस्तावेज को असली के रूप में इस्तेमाल करने (471) के आईपीसी तहत मामला दर्ज किया गया।
एसटीएफ ने कहा कि यह जांच के दौरान सामने आया कि सिंह ने दो अन्य अधिकारियों और आयोजन करने वाली निजी फर्म, सॉफ्ट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर निदेशालय से प्राप्त आंकड़ों में हेराफेरी की, जिसके कारण अयोग्य उम्मीदवारों का एडमिशन हुआ।
जांच में सामने आया कि कई मामलों में योग्यता नियमों का पालन नहीं किया गया। साथ ही, कुछ मामलों में, चयनित छात्र नीट के लिए भी उपस्थित नहीं हुए थे।
इस बीच, एसटीएफ ने आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र भेजकर कहा है कि कानपुर के वर्तमान कुलपति विनय पाठक मामले को प्रभावित कर रहे हैं।
पत्र में एसटीएफ ने कहा है कि पाठक के करीबी आगरा विश्वविद्यालय में मौजूद हैं और दस्तावेजों में हेराफेरी कर रहे हैं। आगरा विश्वविद्यालय में जांच के दौरान कुछ पदाधिकारियों ने एसटीएफ के साथ सहयोग नहीं किया।
एसटीएफ ने जांच शुरू की, तो कई सबूतों से छेड़छाड़ की बात सामने आई।
एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति को इस बारे में सूचित कर दिया गया है और सबूतों के साथ छेड़छाड़ बंद करने को कहा गया है।
एसटीएफ जांच को प्रभावित करने वाले लोगों की सूची भी तैयार कर रही है।
विनय पाठक आगरा विश्वविद्यालय में प्री और पोस्ट परीक्षा आयोजित करने वाली एक निजी कंपनी का बिल क्लियर करने के घोटाले में सह-आरोपी हैं, जिसमें दो व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया था।
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