उत्तर प्रदेश

औद्योगिक सेक्टरों में जनरेटर बंदी के खिलाफ उतरे उद्यमी

Admin Delhi 1
8 May 2023 1:27 PM GMT
औद्योगिक सेक्टरों में जनरेटर बंदी के खिलाफ उतरे उद्यमी
x

नोएडा न्यूज़: औद्योगिक सेक्टरों में डीजल जनरेटर चलाने की समय-सीमा निर्धारित होने के बाद उद्यमियों की दिक्कत बढ़ गई. अब उद्यमी डीजल जनरेटर के बंद करने के निर्णय के खिलाफ लामबंद होने लगे हैं. उद्यमियों का कहना है कि उन्हें चौबीस घंटे बिजली मिलेगी, तो जनरेटर की जरूरत भी नहीं होगी.

शहर में छोटी-बड़ी मिलाकर 16 हजार से अधिक औद्योगिक इकाईयां है. इसमें उद्यमियों ने अपनी जरुरत के अनुसार 10 किलोवाट से लेकर एक हजार किलोवाट तक के डीजल जनरेटर लगा रखे हैं. इनमें आठ हजार जनरेटर लगे हुए हैं. अब 15 मई से डीजल जनरेटर के चलाने पर प्रतिबंध के बाद उद्यमियों की चिंताएं बढ़ने लगी है. ऐसे में उद्यमियों को अनेक चुनौतियों का सामना करने साथ ही आर्थिंक नुकसान भी झेलना पड़ सकता है.

उद्यमियों का कहना है कि डीजल जनरेटर को सीएनजी में परिवर्तित कराने में अधिक लागत आती है. उद्यमियों के लिए अचानक से डीजल जनरेटर को सीएनजी में परिवर्तित कराने का खर्च उठाना संभव नहीं है. दो से पांच लाख रुपये तक खर्च आता है. एनईए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरीश जोनेजा ने ने कहा कि डीजल जनरेटर को सीएनजी में परिवर्तित कराने में आने वाले खर्च में सरकार त्चरित सब्सिडी दे.

उद्यमियों के लिए जनरेटर बंद करना संभव नहीं है. ऐसे में शासन-प्रशासन ने जनरेटर पर प्रतिबंध नहीं लगाने की मांग की जाएगी. उद्यमी मजबूरी में ही जनरेटर चलाता है. उद्यमियों को समय पर ऑर्डर भी पूरे करने पड़ते हैं. -हरीश जोनेजा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, एनएई

औद्योगिक सेक्टरों में जनरेटर चलाने से ही प्रदूषण का स्तर नहीं बढ़ता है. प्रदूषण बढ़ने के ओर भी कई कारण हैं. अन्य कारणों पर भी ध्यान दिया जाए. उद्यमियों की परेशानी को लेकर जल्द ही डीएम को ज्ञापन भी दिया जाएगा. -मनीष गुप्ता, चेयरमैन, नोएडा चैप्टर, आईआई

Next Story