उत्तर प्रदेश

जज्बा: 56 साल की दादी 24 घंटे में दौड़ीं 181 किमी, 24 ऑवर एशिया एंड ओसियाना चैंपियनशिप में दिखाया दम

Suhani Malik
5 July 2022 5:30 AM GMT
जज्बा: 56 साल की दादी 24 घंटे में दौड़ीं 181 किमी, 24 ऑवर एशिया एंड ओसियाना चैंपियनशिप में दिखाया दम
x

न्यूज़: 56 वर्षीय आशा ने बंगलूरू के कांटेरावा स्टेडियम में मील का पत्थर स्थापित करते हुए 24 ऑवर एशिया एंड ओसियाना चैंपियनशिप में भारत को रजत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। आशा सिंहपहले 178.8 किमी और अब 181 किमी। उम्र बढ़ने के साथ शरीर में थकावट का अहसास बढ़ने लगता है, लेकिन ग्रैंडमॉम 56 वर्षीय आशा सिंह की तो बात ही निराली है जिनकी दौड़ने की क्षमता लगातार बेहतर होती जा रही है। बंगलूरू के कांटेरावा स्टेडियम में उन्होंने मील का पत्थर स्थापित करते हुए 24 ऑवर एशिया एंड ओसियाना चैंपियनशिप में भारत को रजत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।स्पर्धा में आशा ने अपने से कम उम्र की अंजू सैनी (हिमाचल प्रदेश 43 वर्ष- 204 किमी) और शशि मेहता (उत्तराखंड 42 वर्ष- 184 किमी) के साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए कुल 569 किमी की दूरी तय करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया। महिला वर्ग की इस दौड़ में ऑस्ट्रेलिया की तिकड़ी (605 किमी) स्वर्ण और चीनी ताइपे की तिकड़ी (527 किमी) कांस्य जीतने में सफल रही।दो और तीन जुलाई को आयोजित चैंपियनशिप में लखनऊ की आशा सिंह भाग लेने वाले पांच देशों की 37 एथलीटों में सबसे अधिक उम्रदराज खिलाड़ी रहीं। वैसे तो इस इवेंट के लिए भारत की छह महिलाओं का चयन हुआ था, लेकिन प्रदर्शन के आधार पर भाग लेने वाली सर्वोत्तम तीन एथलीटों में आशा सिंह अपनी जगह बनाने में सफल रहीं।

24 घंटे की लगातार दौड़ में आशा ने मुश्किल से 15 मिनट का ब्रेक लिया, बाकी समय उन्होंने ट्रैक पर दौड़ते हुए बिताया। व्यक्तिगत रूप से यह आशा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, जिससे पहले वे बीते साल दिसंबर माह में दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में 178 किमी का समय निकालकर 24 ऑवर एशिया एंड ओसियाना चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने में सफल रहीं।साढ़े चार साल के आर्यन और डेढ़ साल की अकीरा की दादी हैं आशाउम्र के 50 बसंत देखने के बाद पति आर्मी के रिटायर्ड कर्नल बजरंग सिंह के साथ फिटनेस बनाए रखने के लिए वॉक पर जाने वाली आशा ने कभी यह नहीं सोचा था कि एक दिन भारत के दौड़ने का मौका मिलेगा। साढ़े चार साल के आरिन और डेढ़ साल की अकीरा की दादी की दौड़ने की चाहत यहीं खत्म नहीं होने वाली। उन्होंने कहा कि अब दौड़ना मुझे अच्छा लगता है। बंगलूरू में देश के लिए खेलकर रजत जीतना यादगार अनुभव रहा। अब मेरा अगला लक्ष्य लंदन में दो अक्तूबर को होने वाली वांडा एजग्रुप वर्ल्ड मैराथन चैंपियनशिप में देश के लिए पदक जीतना है, जहां मुझे 55 से अधिक आयुवर्ग में भाग लेना है।अब तक की उपलब्धियों पर एक नजर आशा ने अपने छह साल के कॅरिअर में अभी तक 30 मैराथन (42 किमी), दो अल्ट्रा मैराथन (50 किमी), एक 12 ऑवर रन, तीन 100 किमी रन और दो 24 ऑवर रन में भाग ले चुकी हैं। इसके अलावा उनके नाम 50 वर्ष से अधिक आयुवर्ग में मैराथन (तीन घंटे 41 मिनट) और हाफ मैराथन (एक घंटा 44 मिनट) का रिकॉर्ड दर्ज है।

Next Story