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- 2023 के जश्न में फंसी...
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बड़ी खबर
लखनऊ। राजधानी में जहां नववर्ष के आते ही चारो तरफ जश्न के माहौल डूबा हुआ। लोग खुशियों को मनाने के लिए बेताब हो गये हैं और शायद इस सुनहरे पल को लोग खोना नहीं चाहते । भरपूर लफ्त उठाने के लिए शहर के प्रसिद्ध जगहों में पार्क,माल,रेस्टोरेंट,होटल,बड़ा इमामबाड़ा,रेजीडेंसी से लेकर सड़कों तक लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली। नववर्ष के पहले दिन ही रविवार को चौक क्षेत्र के अंतर्गत लगभग सभी सड़कों पर जाम के झाम की स्थिति बनी रही। जिसमें केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के सामने कई एंबुलेंस 108 सेवा और निजी अस्पतालों की एंबुलेंस सेवाएं जाम में कराहती रही। जाम की स्थिति कु छ इस कदर हो गयी थी कि लोगों का निकलना दूभर हो गया था। वहीं डालीगंज से पक्का पुल की तरफ जाने वाले मार्ग पर भारी जाम देखने को मिला। वहां आईसीयू से युक्त एंबुलेंस सेवा निकलने के लिए ग्रीन वे ढूढ़ रही थी लेकिन उसे भी रास्ता नहीं मिला।
इससे नववर्ष आते ही स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं की पोल खुलती दिखाई दे रही है। इसके अलावा प्रशासन व सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से धरासाई रहा और चारों तरफ जाम की समस्या से लोग परेशान दिखाई दिये। लोग इधर उधर निकलने के लिए रास्ता तलाशते रहे फिर भी उन्हें घूमकर उसी जाम के झाम फं सना ही पड़ा। एंबुलेंस सेवाओं की हकीकत जानने के लिए शासन प्रशासन को फीडबैक लेनी चाहिए । जिससे भविष्य में को ऐसी अप्रिय घटना न होने पाए। संघ पदाधिकारियों का कहना है कि किसी भी गाड़ी में ब्लोवर व फाग लाइट नहीं है। जिम्मेदारों से बात की तो इसका गोलमोल या फिर गैर जिम्मेदराना ढंग से ही जवाब मिला। वैसे बता दें कि जब भी किसी भी सड़क मार्ग से कोई एम्बुलेंस गाड़ी को निकालना होता है तो पहले से ही ट्रैफिक टीम द्वारा उसे ग्रीन कॉरिडोर रूट तय कर देती है, ऐसे में कहीं भी उसके निकलने में बाधा नहीं आती है क्योंकि एक तरह की मेडिकल इमरजेंसी सेवा है।
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