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वाराणसी न्यूज़: भीषण गर्मी में बिजली चोरी भी बढ़ गई है. शहर के 44 उपकेंद्रों के ज्यादातर फीडरों पर 56 से 62 प्रतिशत तक लाइनलॉस है. कज्जाकपुरा, चौकाघाट और मंडुवाडीह डिवीजन से जुड़े इलाकों में सर्वाधिक कटियामारी हो रही है. यह बात पूर्वांचल डिस्कॉम की ओर से की गई जांच में सामने आई है. जबकि स्थानीय अधिकारी इसे मानने को तैयार नहीं हैं. उनका दावा है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार लाइनलॉस में कमी आई है.
सर्किल की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष-2021-2022 में 30.12 प्रतिशत लाइनलॉस था. इस बार वर्ष-2022-2023 में 26.77 प्रतिशत है. वहीं, पूर्वांचल विद्युत वितरण के एमडी शंभु कुमार का कहना है कि कई इलाकों में एबीसी लगाकर काफी हद तक लाइनलॉस कम कर रहे हैं. लाइनलॉस 16 से 20 प्रतिशत लाने का लक्ष्य तय कर दिया गया है. इसमें असफल अभियंताओं पर कार्रवाई होगी. उधर, शहर के कई इलाकों में दिन-रात खुलेआम बिजली चोरी हो रही है. इससे वहां के 80 फीसदी ट्रांसफार्मर ओवरलोड हैं. यहां बिजली कटौती की समस्या भी गंभीर है. एटीएनसी लॉस के नाम पर विभाग अपनी कमी
छिपा रहा है. विभागीय अधिकारिया का कहना है कि राजस्व कम आने को भी लाइनलॉस में जोड़ा जाता है.
एमडी के निशाने पर कई अभियंता पूर्वांचल-डिस्कॉम की ओर से अलग से लाइनलॉस की जांच कराई गई. पता चला कि पूर्वांचल के कई जोन में लाइनलॉस बढ़ा है. इस पर एक्सईएन से जेई तक और लाइनमैन भी शक के दायरे में हैं. इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है. एमडी ने डायरेक्टर समेत अभियंताओं की जिम्मेदारी तय कर दी है.
दो संविदाकर्मियों को किया जा चुका है बर्खास्त
पिछले वर्ष कटिया जलाओ अभियान के तहत चौकाघाट डिवीजन से जुड़े दालमंडी, कालीमहल, बड़ी पियरी समेत कई इलाकों में बिजली चोरी पकड़ी गई थी. बिजली चोरी कराने में बेनिया उपकेंद्र के दो संविदाकर्मी बर्खास्त भी किए जा चुके हैं.