उत्तर प्रदेश

यूपी नहीं बढ़ाई जाएंगी बिजली की दरें, पूरे प्रदेश को मिलेगी 24 घंटे की आपूर्ति

Tara Tandi
31 Aug 2023 9:14 AM GMT
यूपी  नहीं बढ़ाई जाएंगी बिजली की दरें, पूरे प्रदेश को मिलेगी 24 घंटे की आपूर्ति
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प्रदेश में अभी बिजली दर नहीं बढ़ाई जाएगी। अतिरिक्त भार, स्थानीय क्षति खत्म करके हर उपभोक्ता को 24 घंटे बिजली देने की तैयारी है। राजस्व घाटा कम किया जाएगा। इसके लिए चोरी रोकने के साथ ही डेटा एनालिसिस व आईटी सिस्टम दुरुस्त किया जा रहा है। यह कहना है उप्र. पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल का। अमर उजाला से उन्होंने विशेष बातचीत की। पेश है बातचीत की प्रमुख बातें।
प्रश्न : पिछले दिनों सरचार्ज का प्रस्ताव नियामक आयोग को भेजा गया है। क्या कॉरपोरेशन बिजली दर बढ़ाने की तैयारी में है?
उत्तर : अभी किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं होगी। उपभोक्ता इस बात का ध्यान रखें कि जितनी बिजली खर्च कर रहे हैं, उसका समय पर भुगतान करते रहें। बकाया न रखें। बिजली चोरी न करें। निगमों के प्रस्ताव को सुनवाई के लिए भेजा जाता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि उपभोक्ता पर अतिरिक्त भार न पड़े।
प्रश्न : कॉरपोरेशन एक लाख करोड़ के घाटे में है। इसे उबारने की क्या रणनीति है?
इस घाटे के कई पहलू हैं। इसमें 80 हजार करोड़ से ज्यादा लोन है। हमारी कोशिश है कि यहां तैयार होने वाली बिजली को बेचने व खरीदने के बीच का अंतर कम किया जाए। उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली देते हुए कम से कम बिजली खरीदी जाए। लाइन लॉस कम करने, राजस्व वसूली बढ़ाने के लिए जमीनी स्तर पर रणनीति बनाई जा रही है। बिलिंग व वसूली प्रक्रिया में सुधार किया गया है। जांच का दायरा बढ़ाया है। विजिलेंस को सक्रिय किया है। चोरी की सूचना पर इनाम देने की योजना है। अभियंताओं को राजस्व वसूली से संबंधित चेकलिस्ट दी गई है। ज्यादा बिजली खर्च वाले फीडर को चिह्नित किया जा रहा है।प्रदेश में सभी को पर्याप्त बिजली मिले इसके लिए 2030 तक 40 हजार मेगावाट बिजली उपलब्धता का लक्ष्य रखा गया है। निर्बाध आपूर्ति के लिए 150 नए उपकेंद्र और चार विद्युत उत्पादन केंद्र भी जल्द तैयार किए जाएंगे।
प्रश्नः पर्याप्त बिजली उपलब्धता होने के बाद भी विभिन्न क्षेत्रों में शिड्यूल के हिसाब से बिजली नहीं मिल पाती है। इसकी क्या वजह है?
-प्रदेश ने इस बार 28 हजार मेगावाट से अधिक बिजली आपूर्ति करके रिकॉर्ड कायम किया है। बिजली की कमी नहीं हैं। मांग के अनुसार शहरी क्षेत्र को 24 घंटे, ग्रामीण को 18 घंटे बिजली दी जा रही है। अत्यधिक लोड की वजह से कई बार स्थानीय फॉल्ट होते हैं तो एक क्षेत्र की आपूर्ति बाधित करके दूसरे क्षेत्र में आपूर्ति देनी पड़ती है। इस तकनीकी खामी को भी खत्म किया जा रहा है। राज्य सरकार से मिलने वाले बजट के अलावा भारत सरकार की रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के जरिए सभी डिस्कॉम में करीब 13 हजार करोड़ से जर्जर तारों और ट्रांसफार्मर को बदलने सहित अन्य कई कार्य चल रहे हैं। अगले साल तक इसका व्यापक असर दिखेगा।
प्रश्नः निर्माणाधीन विद्युत उत्पादन केंद्र कब तक तैयार हो जाएंगे?
- निर्माणाधीन उत्पादन केंद्रों की अलग-अलग इकाइयां तैयार हो रही हैं। जवाहरपुर और ओबरा की एक-एक इकाई कुछ दिन में ही शुरू हो जाएगी। यहां की अन्य इकाइयों का काम तेजी से चल रहा है। इसी तरह घाटमपुर और पनकी उत्पादन इकाई भी तैयार हो रही है। ओबरा डी और अनपरा ई के लिए एनटीपीसी से एमओयू हो चुका है। इन सभी इकाइयों को मिलाकर 2030 तक प्रदेश में 40 हजार मेगावाट बिजली उपलब्धता का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे में प्रदेश में बिजली खरीद की कम से कम जरूरत पड़ेगी।
प्रश्नः प्रदेश के कई उत्पादन केंद्र आए दिन ठप हो जाते हैं, इसकी क्या वजह है?
- यह रूटीन प्रक्रिया है। एक प्लांट में समस्या आती है तो दूसरी में सुधार होता है। इसके लिए उत्पादन इकाई की टीम निरंतर काम में लगी रहती है। कई बार बिजली की खपत कम होने पर भी उत्पादन इकाई को बंद करना पड़ता है।
प्रश्नः फील्ड में अभियंताओं की कमी है, जबकि तमाम अभियंता मुख्यालय में डटे हैं। मैन पॉवर की समस्या का समाधान कैसे होगा?
- अभियंता ही नहीं हर संवर्ग के कार्य का मूल्यांकन किया जा रहा है। ऊर्जावान युवा अभियंताओं को फील्ड की जिम्मेदारी दी जाएगी। रिक्त पदों पर निरंतर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। मैन पावर की समस्या नहीं है। सकारात्मक सोच, नई ऊर्जा और उत्साह के साथ कार्य करने की कार्यप्रणाली विकसित की जा रही है। इसका जल्द ही असर दिखेगा।
प्रश्नः पिछले दिनों हड़ताल के दौरान तमाम अभियंताओं को निलंबित और बर्खास्त किया गया है। क्या इन्हें वापस लेने का प्रयास करेंगे?
- इस प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही चल रही है। जिन लोगों का मामला कोर्ट में लंबित है, उसमें कुछ नहीं कर सकते हैं। अन्य लोगों के प्रकरण देख रहे हैं। अभियंता व अन्य कर्मचारी मन लगाकर उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली दें। ईमानदारी से राजस्व वसूली करें। किसी भी कार्मिक के हितों की अनदेखी नहीं होने दी जाएगी। यदि विद्युत निगमों से राजस्व आएगा तो उसका फायदा किसी न किसी रूप में सभी को मिलेगा।
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