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राज्य में 20 फीसदी तक महंगी हो सकती है बिजली, 2020 से नहीं बढ़ी है बिजली दर
जमशेदपुर न्यूज़: झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग अप्रैल तक नई बिजली दरें घोषित करने वाला है. नियामक आयोग की मानें तो मार्च के अंत तक नई दरों के लिए जनसुनवाई की जाएगी. इसके बाद आयोग बिजली दरें घोषित करेगा. फिलहाल आयोग जेबीवीएनएल के प्रस्ताव का अध्ययन कर रहा है. इसके बाद जनसुनवाई होगी.
नियामक आयोग के अनुसार, नई बिजली दरें तय करने के पहले आयोग जनसुनवाई करता है, जिसमें आम जनता, उद्यमी, जेबीवीएनएल प्रतिनिधि समेत अन्य सेक्टर के लेागों को शामिल किया जाता है. जनसुनवाई के नतीजों पर ही बिजली दर तय होती है. 2020 के बाद से राज्य में नई बिजली दर तय नहीं हुईं. पिछले साल नवंबर में जेबीवीएनएल ने आयोग को टैरिफ प्रस्ताव दिया था.
दर में वृद्धि का भेजा प्रस्ताव
जेबीवीएनएल के प्रस्ताव में 20 प्रतिशत बिजली दर वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया है. वितरण निगम ने वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए राज्य विद्युत नियामक आयोग में वार्षिक राजस्व रिपोर्ट दाखिल की है, जिसके आधार पर टैरिफ प्रस्ताव को मंजूरी मिलेगी. वार्षिक राजस्व रिपोर्ट में बिजली वितरण निगम ने 7400 करोड़ का घाटा दिखाया है. इसमें वित्तीय वर्ष 2020-2021 में 2200 करोड़ रुपये वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 2600 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 2500 करोड़ का घाटा दिखाया गया है. 2023-2024 के लिए दाखिल टैरिफ पीटिशन में बिजली वितरण निगम ने 20 प्रतिशत तक दर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है. तीन सालों से बिजली की दर में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. कोरोना काल में सरकार ने कोई बढ़ोतरी नहीं की, जबकि विद्युत नियामक आयोग में अधिकारियों की नियुक्ति नहीं रहने के कारण साल 2020 के बाद से राज्य में टैरिफ दर निर्धारण नहीं किया गया.