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फर्जी दस्तावेज पर दे दिया बिजली कनेक्शन, दूसरे के नाम पर दे दिया कनेक्शन
मेरठ: क्या यह संभव है कि संपत्ति का मालिक कोई और विद्युत कनेक्शन किसी दूसरे के नाम पर। ऐसा हुआ है बाइपास स्थित एलाचार्य वसुनन्दी विहार (सुन्दरम कॉलोनी) में। यहां फ्लैट संख्या एफएफ 924 जिसका क्षेत्रफल 92.96 वर्ग मीटर है जिसकी रजिस्ट्री राजीव सिंघल के नाम पर है।इस संपत्ति में विद्युत विभाग ने खेल करते हुए बिजली का कनेक्शन अनीता सिंघल के नाम पर जारी कर दिया है।
राजीव सिंघल का आरोप है कि उसने सात किश्तों में संपित्त का कुल भुगतान 37 लाख चेकों के द्वारा बिल्डर रिजेश जैन को किया है। इसके बाद बिल्डर ने संपत्ति की रजिस्ट्री उसके नाम की। लेकिन इस संपत्ति पर बिल्डर ने अनीता सिंघल को कब्जा दे दिया। अब विद्युत विभाग ने अनीता सिंघल के नाम पर कनेक्शन जारी कर दिया है।
पहले भी एमडीए से बिना एप्रूव हुई कॉलोनियों में जारी हुए है कनेक्शन
विद्युत विभाग की यह कारगुजारी कोई पहली नहीं है। इससे पहले भी किला रोड पर ऐसी ही कॉलोनी में विभाग द्वारा विद्युत कनेक्शन जारी करने के मामला सामने आ चुका है। इसके साथ ही दौराला क्षेत्र के वलीदपुर गांव में भी रिटायर्ड फौजी के पिता के नाम पर दो कनेक्शन दिए जा चुके है जिसकी शिकायत पीड़ित ने एमडी ऊर्जा व शासन तक से की है। सवाल यह कि विभाग के अधिकारियों को ऐसी कौन सी वजह मजबूर करती है जो इस तरह से भ्रष्टाचार करने पर उतरना पड़ता है।
विद्युत कनेक्शन की रसीद होती है सबूत
किसी भी संपत्ति पर उसी को विद्युत कनेक्शन दिया जाता है जिसके नाम संपत्ति होती है। ऐसे में यदि कब्जाधारक के नाम पर विद्युत कनेक्शन जारी कर दिया जाए तो उसकी रसीद संपित्त पर मालिकाना हक जताने के लिए सबूत के नाम पर प्रयोग की जा सकती है। राजीव सिंघल का आरोप है विद्युत विभाग ने मोटा सुविधा शुल्क लेकर यह खेल किया है जिससे एक ही संपत्ति को दो बार बेचा जा सके।
कौन से दस्तावेज पर जारी किया गया कनेक्शन
राजीव सिंघल का कहना है विद्युत विभाग ने किस दस्तावेज के आधार पर अनीता सिंघल के नाम कनेक्शन जारी किया है। जब संपित्त की रजिस्ट्री उसके नाम है तो विभाग ने दूसरे के नाम पर कनेक्शन कैसे जारी कर दिया। राजीव सिंघल का आरोप है कि बिल्डर ने उसके साथ धोखा किया है तो विद्युत विभाग भी इसमें शामिल है। राजीव सिंघल को 15 जनवरी को पता चला कि उसकी संपत्ति पर किसी दूसरे के नाम से कनेक्शन जारी किया गया है। इसकी शिकायत वह एमडी ऊर्जा के साथ सीएम पोर्टल पर करने की तैयारी कर रहे है।
हमारे द्वारा तभी कोई कनेक्शन जारी किया जाता है जब एसडीओ कार्यालय से फाइल उनके पास आती है। इसी के आधार पर कनेक्शन जारी होता है। दस्तावेजों की जांच करने का काम एसडीओ कार्यालय का होता है। -अरविंद कुमार, जेई मलियाना बिजली घर।