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प्रदेश के औद्योगिक विकास में मेरठ मंडल की प्रभावी भूमिका: योगी
मेरठ: सांसद और विधायक गणों के साथ विकास परियोजनाओं की पड़ताल की जारी शृंखला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को मेरठ मंडल की समीक्षा की। विशेष बैठक में उन्होंने एक-एक कर जनपद मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, प्रयागराज, कौशाम्बी, फतेहपुर एवं प्रतापगढ़ जिलों से आए सांसद व विधायक गण से उनके क्षेत्र की विकास योजनाओं की जानकारी ली।
बैठक में जनप्रतिनिधियों ने नवीन विकास कार्यों के बारे में क्षेत्रीय जनाकांक्षाओं से भी अवगत कराया और इस संबंध में अपने प्रस्ताव भी दिए। मुख्यमंत्री सांसद और विधायक गणों के इन प्रस्तावों पर तत्काल कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को निर्देशित भी किया। मुख्यमंत्री आवास पर हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रमुख दिशा-निर्देश दिए। मेरठ की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक विकास में मेरठ मंडल की प्रभावी भूमिका है।
यहां राष्ट्रीय राजधानी से भौगोलिक निकटता का लाभ तो है ही, बेहतर कनेक्टिविटी, विश्वस्तरीय इंफ्रस्ट्रक्चर, सुदृढ़ कानून-व्यवस्था मेरठ मंडल को हर उद्यमी की पहली पसंद बनाती है। यहां हर जनपद में कुछ न कुछ खास है, हर सेक्टर के लिए संभावनाएं हैं। इसकी पहचान और प्रोत्साहन आवश्यक है। मेरठ में प्रदेश का पहला खेल विश्वविद्यालय निर्माणाधीन है। जेवर में एशिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बन रहा है। रैपिड रेल का ट्रायल हो चुका है। दादरी में मल्टी मोडल लॉजिस्टिक्स हब (एमएमएलएच) एवं बोराकी में मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) भी विकसित किया जा रहा है।
जिससे औद्योगिक विकास के लिए इंफ्रस्ट्रक्चर और बेहतर होगा तथा रोजगार के अनेक नए अवसर सृजित होंगे, जिसका लाभ युवाओं को मिलेगा। साढ़े पांच-छह वर्षों में गन्ना किसानों को 1.88 लाख करोड़ रुपये से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। समयबद्ध भुगतान सरकार की प्राथमिकता है। रमाला (बागपत) चीनी मिल फिर से चलाई गई है।
क्षेत्रीय आवश्यकता के दृष्टिगत नई चीनी स्थापित की गई है। पुरानी मिलों की क्षमता वृद्धि और आधुनिकीकरण का कार्य हो रहा है। जनप्रतिनिधियों के सहयोग से यह कार्य आगे भी जारी रहेगा। निर्देशित किया गया कि 10 फरवरी से प्रारंभ हो रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के मुख्य समारोह से सभी जिलों को जोड़ा जाएगा।
अमित अग्रवाल ने मुख्यमंत्री के सामने ये रखी मांगे
हापुड़ से बेगमपुर होते हुए मुजफ्फरनगर हरिद्वार देहरादून में दिल्ली एनएच35 एनएच-58 को जोड़ा जाए।
गढ़मुक्तेश्वर से बेगमपुल होते हुए मुजफ्फरनगर हरिद्वार देहरादून में दिल्ली एनएच 709 को जोड़ा जाए।
सोनीपत से मेट्रो चौराहा होते हुए हापुड़ गढ़मुक्तेश्वर बिजनौर एनएच 304 को जोड़ा जाए।
मेरठ-पौड़ी वाया मवाना एनएच-119 डवलप किया जाए। महायोजना में प्रस्तावित वाह्य इयर रिंग रोड की लंबाई 72 किलोमीटर तथा आंतरिक रिंग रोड का आंशिक मार्ग, जो वर्तमान में विद्यमान है, उसको पूरा करने के लिए लगभग 15 किलोमीटर नया मार्ग बनाए जाने की आवश्यकता है। वाह्य रिंग रोड पूर्ण रूप से बनानी होगी। कुल मिलाकर लगभग 87/88 किलोमीटर लंबाई में भू अर्जन भी करना होगा, जो अत्यधिक महंगा और समय लग जाने वाला अध्याय है। एलिवेटेड वैकल्पिक मार्ग द्वितीय पर बेगमपुल से सूरजकुंड जेल चुंगी ढाई किलो मीटर तक एलिवेटेड रोड का निर्माण का डायवर्ट किया जाना चाहिए, जिससे चार किलोमीटर मार्ग कम हो जाएगा। इस एलिवेटेड रोड के निर्माण पर के लिए निगम द्वारा 460 करोड़ की कार्य योजना बनाकर स्वीकृत के लिए लोक निर्माण विभाग लखनऊ मुख्यालय को भेजी जा चुकी है। इस प्रोजेक्ट को मुख्यमंत्री से सहमति देने की मांग भाजपा विधायक अमित अग्रवाल ने की है।