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कक्ष निरीक्षकों की खोज में लग रहा शिक्षा विभाग, क्या बाबू और चपरासियों के भरोसे होगी बोर्ड परीक्षा
मेरठ: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानि यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटरमीडिएट 2023 की बोर्ड परीक्षा का आगाज 16 फरवरी से होने जा रहा है। पिछले दो माह से परीक्षा की तैयारी में जुटे शिक्षाविभाग इस समय कक्ष निरीक्षकों की खोज करने में पसीने छूटे हुए है, क्योंकि विभाग को पूरी संख्या में कक्ष निरीक्षक नहीं मिल पा रहे है। ऐसे में शिक्षा विभाग को हर साल की भांति इस वर्ष भी बाबूओं और चपरासियों के भरोसे ही सपंन करानी पड़ सकती है।
बता दें कि वैसे तो हर साल ही यूपी बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षकों का टोटा बना रहता हैं, लेकिन इस वर्ष वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों का सहारा ने मिल पाने की वजह से शिक्षा विभाग के सामने कक्ष निरीक्षकों का टोटा खड़ा हो सकता। वहीं इस वर्ष बोर्ड परीक्षा में होने वाली कॉपियों की स्क्रीनिंग सामूहिक नकल के खेल को खोलेगी। उड़नदस्ते और केंद्राध्यक्षों की रिर्पोट के आधार पर परीक्षा केंद्रों को डिबार करने में मुश्किल होती है।
इस लिए किसी केंद्र पर नकल मिलने पर कॉपियों की स्क्रीनिंग कराने का फैसला लिया गया है। ताकि बोर्ड को सामूहिक नकल का मजबूत आधार मिल सकें। डीआईओएस राजेश कुमार का कहना है कि परीक्षा के लिए कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगाने का काम किया जा रहा है। जिसमें राजकीय, माध्यमिक और एडेड कॉलेज के शिक्षकों को यह जिम्मा दिया जाएगा।
कैमरे की रिकॉर्डिंग भी बनेगी सबूत
बोर्ड परीक्षा में सीसीटीवी कैमरे और वाइस रिकॉर्डर सिस्टम पर जोर दिया जा रहा है। परीक्षा के दौरान बोलबोल कर नकल कराई जाती है। सीसीटीवी होने के बाद भी यह नकल साबित करना आसान नहीं होता। इसलिए इस वर्ष केंद्रों पर वाइस रिकॉर्डर भी लगाए गए है।
कौन करेगा कैमरों की मॉनिटरिंग?
सीसीटीवी कैमरे हर परीक्षा केंद्र पर लगाए जा रहे है। यहां पर एक सवाल खड़ा होता है कि इन कैमरों की मॉनिटरिंग कैसे होगी। यदि कुछ केंद्रों पर प्रबंधक कुछ देर के लिए कैमरे बंद कर दे तो उन्हें कैसे पकड़ा जाएगा। ऐसे में शासन की तैयारियों को झटका लग सकता है।
समय प्रबंधन का रखे ख्याल: बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में जुटे छात्र-छात्राएं अक्सर अपने द्वारा की गई तैयारी को लेकर असमंजस की स्थिति में रहते हैं। मगर अब ऐसा करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि बाजार में उनकी समस्याओं को देखते हुए विभिन्न प्रकार की किताबों को उतारा गया है, जो उन्हें टाइम मैनेजमेंट की जानकारी देने के साथ ही परीक्षा की तैयारी करने के टिप्स भी प्रदान करती है।
यूपी बोर्ड की परीक्षाएं इस बार 16 फरवरी से शुरू हो रही है और 15 फरवरी से सीबीएसई। परीक्षाएं आरंभ होने से पहले जहां एक ओर बाजार में मॉडल पेपर, सैंपल पेपर और गाइड बुक आदि की खुब बिक्री हुई है। वहीं, दूसरी ओर याददाश्त बढ़ाने वाली किताबों को भी विद्यार्थियों ने काफी संख्या में खरीदा है।
पौष्टिक आहार का अधिक करे सेवन: डा. भावना गांधी
देखा जाए तो इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव ने बोर्ड परीक्षार्थियों की समस्या को बढ़ा दिया है। वहीं, दूसरी ओर इस वर्ष यूपी बोर्ड के बदले प्रारूप ने भी छात्रों को चिंता में डाल रखा है। बता दें कि इस बार यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 16 से और सीबीएसई की 15 से शुरू हो रही है।
अक्सर परीक्षा का समय नजदीक आते ही छात्रों की भूख मर जाती है। जिसके चलते वह कमजारे होने लगते हैं। इन सभी बातों की जानकारी देते हुए डा. भावना गांधी कहती है कि परीक्षार्थियों को परीक्षा नजदीक आने पर घबराना नहीं चाहिए, बल्कि अपने खान-पान का ख्याल रख बेहतर से बेहतर करके दिखाना चाहिए। क्योंकि सेहत सही होने पर ही अच्छे नंबर लाए जा सकते हैं।
ऐसा होना चाहिए परीक्षार्थियों का डायट चार्ट
पानी 10 से 15 गिलास प्रतिदिन।
हरी सब्जियां का सेवन करे।
दाल दो कटोरी प्रति दिन खाए।
चपाती 5 से 6 प्रति दिन खाए।
दूध आधा किलो प्रति दिन ले।
पांच बदाम दो अखरोट के टुकड़े और दो मुन्ने खाली पेट ले।
जूस का सेवन अवश्य करे।
सुबह के समय व्यायाम भी करे।
मौसमी फलों का अधिक सेवन करे।
इन से करे तौबा
रात्रि में भारी भोजन का सेवन न करें।
चिकनाई का सेवन न करें।
डब्बे बंद जूस से परहेज करे।
किसी के बहकावे में न आए।
रात में चावल खाने से परहेज करे।
गरिष्ठ भोजन से बचाव करे।
किताबों में है इस तरह के टिप्स
मतिष्क को कंट्रोल कैसे करें।
नई चीज करते समय अधिक उत्साहित न हो।
कोई भी विषय जानने के बाद उसकी प्रैक्टिस अवश्य करें।
नया सिखने के लिए तैयार रहे।