उत्तर प्रदेश

ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को किया गिरफ्तार,7 दिन की रिमांड पर भेजा

Admin4
6 Nov 2022 11:56 AM GMT
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को किया गिरफ्तार,7 दिन की रिमांड पर भेजा
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प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र विधायक अब्बास अंसारी को मनी लांड्रिंग मामले में शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने जिला अदालत में पेश किया।
जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) गुलाब चन्द्र अग्रहरि ने संवाददाताओं से कहा कि ईडी की टीम ने अब्बास अंसारी को न्यायाधीश संतोष राय की विशेष अदालत (एमपी एमएलए) में 14 दिन की रिमांड पर भेजने के लिये पेश किया। उन्होने बताया कि न्यायालय में ईडी द्वारा एक प्रार्थना पत्र दिया गया। इस प्रार्थना पत्र में अनुरोध किया गया है कि आय से अधिक धन एकत्रित करने के मामले में और साक्ष्य एकत्रित करने और अन्य लोगों के बायान लेने के लिए 14 की रिमांड बढाई जाए, लेकिन अदालत ने अब्बास को सात दिन की रिमांड पर ईडी को सौंपने की मंजूरी दी।
अधिवक्ता ने कहा कि बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि अब्बास अंसारी को यदि ईडी की कस्टडी में दिया जाता है तो उनके अधिवक्तओं को भी पूछताछ के समय उपस्थित रहने की इजाजत दी जाए। बचाव पक्ष की तरफ से यह भी कहा गया है कि उनको भी प्रपत्र दिया जाय जिसका वह उसका जवाब दिया जा सके कि उनपर क्या आरोप लगा है।
गौरतलब है कि अब्बास अंसारी से ईडी ने शुक्रवार को करीब नौ घंटे तक प्रयागराज शहर के सिविल लाइंस स्थित अपने कार्यालय में पूछताछ की थी। उससे माफिया मुख्तार की बेनामी संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटाई गई। देश छोडऩे की आशंका पर ईडी ने उसे पहले ही लुकआउट नोटिस जारी की थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन रोकथाम मामले में गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को गिरफ्तार किया है। शुक्रवार देर रात नौ घंटे की पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारियों के अनुसार, जांच एजेंसी के पास पर्याप्त सबूत थे, जिसके आधार पर अंसारी को गिरफ्तार किया गया।
ईडी ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज कई प्राथमिकी के आधार पर मुख्तार अंसारी (पूर्व विधायक) और उनके सहयोगियों के खिलाफ पीएमएलए, 2002 के तहत जांच शुरू की थी।
जांच के दौरान, यह पता चला कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा विकास कंस्ट्रक्शन (एक साझेदारी फर्म) के खिलाफ सार्वजनिक/सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने के बाद गोदाम बनाने के लिए दो और प्राथमिकी दर्ज की गई थी। गोदामों का निर्माण यूपी के मऊ और गाजीपुर जिले में किया गया था।
फर्म विकास कंस्ट्रक्शन अफशान अंसारी (मुख्तार अंसारी की पत्नी) और उसके दो भाइयों आतिफ रजा और अनवर शहजाद और अन्य दो व्यक्तियों रवींद्र नारायण सिंह और जाकिर हुसैन द्वारा चलाया जा रहा था।
यूपी पुलिस ने मऊ जिले में दर्ज एक एफआईआर में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी के सभी भागीदारों को आरोपी बनाया गया है।
पीएमएलए की जांच में पता चला कि विकास कंस्ट्रक्शन ने मऊ और गाजीपुर जिले में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने गोदामों को किराए पर देकर भारतीय खाद्य निगम से 15 करोड़ रुपये की वसूली की। इस किराए का उपयोग आगे विकास कंस्ट्रक्शन और अफशां अंसारी के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए किया गया।
ऐसी अचल संपत्तियों का पता लगाने के बाद, प्रवर्तन निदेशालय ने अस्थायी रूप से 1.48 करोड़ रुपये की सात अचल संपत्तियों को कुर्क किया।
पंजीकरण के समय कुर्क की गई संपत्तियों का सर्किल रेट 3.42 करोड़ रुपये था।
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