उत्तर प्रदेश

ईकोटेक-3 पुलिस और क्राइम डिटेक्शन टीम ने अवैध हथियार बनाने की फैक्टरी का भंडाफोड़ किया

Admindelhi1
22 April 2024 5:23 AM GMT
ईकोटेक-3 पुलिस और क्राइम डिटेक्शन टीम ने अवैध हथियार बनाने की फैक्टरी का भंडाफोड़ किया
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आरोपियों के पास से एक कार, अवैध हथियार और हथियार बनाने के उपकरण बरामद हुए.

गाजियाबाद: सेक्टर ईकोटेक-3 पुलिस और क्राइम डिटेक्शन टीम ने ग्रेनो वेस्ट में चेकिंग के दौरान अवैध हथियारों की फैक्टरी स्थानांतरित कर रहे आरोपियों को गिरफ्तार किया. आरोपियों के पास से एक कार, अवैध हथियार और हथियार बनाने के उपकरण बरामद हुए.

आरोपी लोकसभा चुनाव के चलते छापेमारी के डर से गाजियाबाद में संचालित फैक्टरी को बुलंदशहर के देहात क्षेत्र में शिफ्ट करने की फिराक में थे. एसटीएफ ने पूर्व में भी इन आरोपियों को अवैध हथियार बनाने के मामले में गिरफ्तार किया था. सेंट्रल नोएडा जोन की डीसीपी सुनीति ने बताया कि पुलिस टीम खेड़ा चौगानपुर गोल चक्कर पर बैरियर लगाकर वाहनों की चेकिंग कर रही थी. इस दौरान मूर्ति की तरफ से आ रही बिना नंबर की कार को जांच के लिए रुकने का इशारा किया गया. चालक ने रुकने के बजाए कार वापस मोड़ कर भागने का प्रयास किया. पुलिस टीम ने पीछा कर कार सवार लोगों को धर दबोचा. तलाशी के दौरान उनके पास से एक देसी पिस्तौल और नौ तमंचे बरामद हुए. कार की तलाशी लेने पर उसमें से भारी मात्रा में अवैध हथियार बनाने के उपकरण और कलपुर्जे भी बरामद हुए. पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों ने पूता में अपने नाम शाहफहद निवासी रफीकाबाद कॉलोनी डासना गाजियाबाद, बादल निवासी शाहदरा लोनी बॉर्डर दिल्ली, शिवम पाल निवासी मेरठ और सादिक निवासी नंदग्राम गाजियाबाद बताया है.

पहले भी जेल जा चुके गिरोह के सदस्य डीसीपी ने बताया कि आरोपी अवैध हथियार बेचने में भी खासी सावधानी बरतते थे. वे केवल उन लोगों को हथियार बेचते थे, जो पहले से ही परिचित होते थे. अवैध हथियार खरीदने आए व्यक्ति द्वारा कोड बताने पर ही उसे हथियार बेचा जाता था. पकड़े गए आरोपी बादल ने बताया कि वह पिले दो साल से शाह फहद को जानता है. उसका काम बताए गए स्थानों पर अवैध हथियारों को पहुंचाना था. डीसीपी ने बताया कि पूर्व में एसटीएफ की टीम ने शाह फहद, शिवम पाल और सादिक को अवैध हथियार की फैक्टरी चलाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. जेल से जमानत पर छूटने के बाद आरोपी फिर से अवैध हथियारों के निर्माण में उन्हें बेचने के काम में जुट गए थे.

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