उत्तर प्रदेश

यूपी के इन शहरों में चलेंगे ई-रिक्शा, पांच लाख से अधिक आबादी वाले शहरी क्षेत्रों से हटेंगे पैडल और पेट्रोल-डीजल वाले जुगाड़ू वाहन

Renuka Sahu
25 Aug 2022 4:40 AM GMT
E-rickshaws will run in these cities of UP, pedal and petrol-diesel jugadu vehicles will be removed from urban areas with a population of more than five lakhs
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फाइल फोटो 

लखनऊ शहरों में अब ई-रिक्शा के चलन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग नीति में संशोधन होगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। लखनऊ शहरों में अब ई-रिक्शा के चलन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग नीति में संशोधन होगा। प्रदेश के पांच लाख से अधिक आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में पैडल और पेट्रोल व डीजल से चलने वाले जुगाड़ू रिक्शों को हटाया जाएगा। इसके स्थान पर ई-रिक्शे को बढ़ावा दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग नीति में प्रस्तावित संशोधनों में इसकी व्यवस्था की जाएगी।

उच्च स्तर पर बनी सहमति
अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास अरविंद कुमार की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग नीति-2019 में संशोधन को लेकर बैठक हुई थी। इनमें कई बिंदुओं पर चर्चा हुई। इसमें शहरों में ई-रिक्शा को बढ़ावा देने पर भी विचार-विमर्श किया गया। इसमें सुझाव दिया गया कि नगर विकास विभाग द्वारा अपने स्तर से पांच लाख से अधिक जनसंख्या वालों शहरों में एक समय सीमा के भीतर ई-रिक्शा होने का लक्ष्य प्राप्त किया जाएगा। इसके लिए वर्तमान में मानव चालित रिक्शा, डीजल व पेट्रोल से चलने वाल रिक्शे को ई-रिक्शा में परिवर्तित किया जाएगा। विभिन्न योजनाओं जैसे 'मुद्रा योजना' आदि से कार्ययोजना तैयार करते हुए काम किया जाएगा।
तय क्षेत्रों में ही चलेंगे
यह भी तय किया गया है कि तय क्षेत्रों में ही ई-रिक्शे को चलाया जाएगा, जिससे अव्यवस्था न हो और दुर्घटना की संभावनाएं भी कम रहे। परिवहन विभाग इसके लिए मौजूदा ई-रिक्शा रेग्यूलेटरी व्यवस्था की समीक्षा करेगा। इसमें ई-रिक्शे को बढ़ावा देने के लिए जरूरी कदम उठाएगा। नगर विकास विभाग और परिवहन विभाग को निर्देश दिया गया है कि वे इसके लिए प्रस्ताव तैयार करते हुए जल्द उपलब्ध कराएं, जिससे आगे उच्च स्तर पर इसे प्रस्तुत करते हुए जरूरत के आधार पर सुझाव लेते हुए इसे अंतिम रूप दिया जा सके।
छूट पर भी होगा विचार
यह भी विचार चल रहा है कि ई-रिक्शा को बढ़ावा देने के लिए इसे लेने वालों को कुछ छूट भी दिया जाए। हालांकि यह अभी तक तय नहीं हो पाया है कि छूट किस तरह का दिया जाए, लेकिन कई बिंदुओं पर विचार-विमर्श चल रहा है। इसमें मुद्रा योजना के दायरे में आने वालों को कुछ अनुदान भी दिया जा सकता है।
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