उत्तर प्रदेश

दिवाली से पहले धूल उड़ाने वाली सड़कें दुरुस्त होंगी

Harrison
21 Sep 2023 11:44 AM GMT
दिवाली से पहले धूल उड़ाने वाली सड़कें दुरुस्त होंगी
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उत्तरप्रदेश | नगर निगम प्रदूषण कम करने के लिए 55 करोड़ रुपये खर्च कर सड़कों का निर्माण कराएगा. दीपावली से पहले बदहाल सड़कों को दुरुस्त कराना होगा. इसके लिए नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने निगम के मुख्य अभियंता को निर्देश दिए हैं. ज्यादा धूल उड़ाने वाली सड़कों पर पहले काम कराया जाएगा.
सर्दी शुरू होने से पहले वायु प्रदूषण होने लगता है. दीपावली के बाद वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता है. इस कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है. हालांकि प्रशासन,नगर निगम, जीडीए और क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी प्रदूषण कम करने पर काम करते हैं. प्रदूषण के बढ़ने पर तमाम सख्ती की जाती है. इसके बावजूद लोगों को प्रदूषण से राहत नहीं मिल पाती.
दरअसल, शहर में सबसे ज्यादा प्रदूषण बदहाल सड़कों से होता है. उन पर दिनभर धूल और मिट्टी उड़ती है. इस कारण मिट्टी के कण हवा में उड़ते हैं जो फेफड़े के लिए काफी घातक होते हैं. लखनऊ में तीन दिन पहले नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने बैठक की.इसमें निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता एनके चौधरी शामिल हुए. बैठक में वायु गुणवत्ता में सुधार करने की चर्चा हुई. प्रमुख सचिव ने मुख्य अभियंता को निर्देश दिए कि दीपावली से पहले हर हाल में बदहाल सड़कों की मरम्मत कराई जाए ताकि धूल और मिह्वी न उड़ सके.
कंपनी में सवा करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी
इंदिरापुरम की एक ठेकेदार कंपनी की जांच में राज्य जीएसटी की टीम ने बड़ी कर चोरी पकड़ी है. कंपनी द्वारा दिल्ली एवं एनसीआर के कई फर्जी फर्मों से करोड़ों का सामान खरीद करना दिखाया गया. फर्म से एक करोड़ 19 लाख रुपये जमा कराकर जांच शुरू कर दी है.
वाणिज्य कर विभाग(राज्य कर विभाग) से ठेकेदार कंपनी ने सरकारी कार्यालय में फर्नीचर एवं अन्य संसाधनों की आपूर्ति के लिए पंजीयन करा रखा है. करीब साल भर पहले से पंजीयन लेने के बाद ठेकेदार फर्म द्वारा विभाग में मामूली कारोबार पर रिटर्न जमा कराया गया. विभाग ने जीएसटी पोर्टल से कंपनी का डाटा पता कराया और जांच शुरू की. इसमें कंपनी द्वारा बड़े पैमाने पर आईटीसी क्लेम(इनपुट टैक्स क्रेडिट) का करोड़ों का लाभ उठाने का पता चला. टीम ने पिछले सप्ताह इंदिरापुरम स्थित कंपनी के दफ्तर एवं अन्य ठिकानों पर जांच की कार्रवाई शुरू की. विशेष अनुसंधान शाखा के अपर आयुक्त ओपी तिवारी ने बताया कि कंपनी द्वारा ई फर्मों से कार्यालय के लिए फर्नीचर और अन्य संसाधन खरीद करना दिखाया गया है, जबकि जांच में जिन फर्मों से खरीद दिखाई गई है, वे सभी फर्म सत्यापन में अस्तित्व में ही नहीं पाई गई.
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