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उत्तर प्रदेश
गौशालाओं से निकलने वाले गोबर का होगा इस्तेमाल, जल्द शुरू होगा प्लांट
Admin2
12 Sep 2022 10:06 AM GMT
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अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में गौशालाओं से निकलने वाले गोबर का इस्तेमाल अब गोबर गैस बनाने में किया जाएगा. इसका ट्रायल विभाग ने पूरा कर लिया है. कुछ तकनीकी कमियों को दूर करने का कार्य किया जा रहा है. इस प्लांट से हर दिन करीब डेढ़ सौ से 170 घन मीटर गैस का उत्पादन होगा. जिसका प्रयोग भोजन बनाने के काम में किया जाएगा. गोबर गैस प्लांट का संचालन ग्रामीण इलाकों की सहायता समूह द्वारा किया जाएगा. जिसकी कवायद भी शुरू हो चुकी है, जल्द इसका शुभारंभ होगा. स्कूलों तक इसकी पाइपलाइन बिछेगी.जिससे मिडडेमिल पकेगा.
गोबर का सही ढंग से होगा इस्तेमाल
ओवर नगला राजू में स्थापित गोबर गैस प्लांट में 8585 घन मीटर के दो यूनिट का निर्माण कराया गया है. जिसके माध्यम से गोबर गैस बनाया जाएगा. 1 टन गोबर में प्रतिदिन करीब 150 से 170 घन मीटर गैस का उत्पादन होगा. तकरीबन एक महीने में 5100 मीटर गैस का उत्पादन होगा. जिसका प्रयोग गौशाला और समीप के परिषदीय स्कूल में किया जाएगा. इससे अतिरिक्त आय होगी. वहीं गोबर का सही ढंग से इस्तेमाल भी होगा.
गौ सेवकों और नौनिहालों का भोजन पकाया जाएगा
इसी के ही साथ प्लांट से निकले गोबर के अपशिष्ट से जैविक खाद तैयार की जाएगा. किसानों में इसकी बिक्री की जाएगी. जिससे कि प्रदूषण दूर होगा और जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा. डीपीआरओ धनंजय जयसवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि गोवर्धन योजना के तहत जिले में पहला गोबर गैस प्लांट चंदोस के ग्राम पंचायत ओवर नगला राजू में स्थापित किया गया है. लगभग कार्य पूरा हो चुका है. गौसेवकों और नौनिहालों का भोजन पकाया जाएगा. इसका संचालन समूह द्वारा किया जाएगा.
1 दिन में लगभग 200 बच्चों का खाना एमडीएम के तहत पकाया जाएगा गौशाला से विद्यालय तक लगभग 800 मीटर का पाइप लाइन बिछाया गया है. जिससे गैस स्कूल के रसोई तक पहुंच सके. प्लांट में गोबर पहुंचने के बाद उसमें डाइजेस्टर डाला जाएगा. उसके बाद ऑटोमेटिक गैस बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. जहां पर गैस बनाने को लगातार गोबर को मिक्स किया जाएगा. डाइजेस्टर में गोबर का डाइजेशन पर गैस का निर्माण शुरू होता है. यह गैस एक टैंक में पहुंच जाता है. स्टोर गैस को पाइप लाइन के जरिए सप्लाई किया जाता है.
गोबर गैस से तैयार होगा 200 बच्चों का खाना
डीपीआरओ के द्वारा जानकारी दी गई है कि गौशाला से मिड डे मील का खाना पकाने वाली जगह तक पाइपलाइन डाली जाएगी. यहां गोबर से तैयार होने वाली गैस से लगभग 200 बच्चों का खाना बनकर तैयार होगा. अभी तो प्रशासन द्वारा इसे बतौर टेस्टिंग प्रयोग किया जा रहा है. आने वाले समय में अधिकतर गौशाला में इस प्रयोग को अमल में लाया जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से खाका तैयार कर चुका है.
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