उत्तर प्रदेश

यूपी में बारिश न होने से फसलों पर संकट गहरा गया है

Teja
31 July 2023 5:18 AM GMT
यूपी में बारिश न होने से फसलों पर संकट गहरा गया है
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मानसून : मानसून की जोरदार दस्तक के बाद वर्षा का लंबा अंतराल खरीफ फसलों, विशेषकर धान के लिहाज से उपयुक्त नहीं माना जा रहा है। वैसे तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश को छोड़कर पूरा प्रदेश ही कम वर्षा से प्रभावित लेकिन पूर्वांचल और बुंदेलखंड पर इसका असर अधिक देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री के स्तर से भी मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था के साथ-साथ वैकल्पिक फसलों की बुवाई की नसीहत दी गई है। बता दें कि राज्य में मानसून के प्रवेश से अब तक 281.2 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है जो कि सामान्य तौर पर इस अवधि में होने वाली वर्षा का 84.3 प्रतिशत है। 29 जिलों में औसतन पचास प्रतिशत ही बारिश हुई है। राज्य में धान समेत अन्य फसलों की बोआई के आंकड़े संतोषजनक दिखाई देते हैं लेकिन कम बारिश से धान की फसल को नुकसान होने के पूरे आसार दिखाई दे रहे हैं। प्रदेश में 5850 हजार हेक्टेयर के सापेक्ष 5034 हजार हेक्टेयर में अब तक धान की रोपाई का कार्य किया जा चुका है जो कि लक्ष्य का 86 प्रतिशत है। गत वर्ष इस समान अवधि तक 4658 हजार हेक्टेयर में रोपाई का कार्य किया गया था। हालांकि, विध्यांचल मंडल में 52 प्रतिशत, चित्रकूट में 64 प्रतिशत, आजमगढ़ में 72 प्रतिशत और प्रयागराज मंडल में लक्ष्य का महज 57 प्रतिशत ही हासिल किया जा सका है। जाहिर हैं इन मंडलों से जुड़े सभी जिले बारिश से सीधे प्रभावित हुए हैं, जिसका असर बोआई पर भी पड़ा है। वहीं, खरीफ की सभी फसलों की बोआई का आंकड़ा 81.82 प्रतिशत तक पहुंच चुका है।

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