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राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय व महिला अस्पताल में एनेस्थेसिया के डॉक्टर की कमी से ऑपरेशन में हो रही दिक्कत
वाराणसी: एनेस्थेसिया के डॉक्टर कम होने की वजह से मेडिकल कॉलेज के राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय व महिला अस्पताल में मरीज परेशान हैं. सामान्य सर्जरी के अलावा सर्जरी से प्रसव के मामले भी प्रभावित हो रहे हैं. इसका फायदा उठाकर दलाल मरीजों को लेकर निजी अस्पताल चले जा रहे हैं. जहां मरीजों को मोटी रकम चुकानी पड़ रही है.
मेडिकल कॉलेज में करोड़ों की लागत से तैयार हुई नई बिल्डिंग में माड्युलर ऑपरेशन थिएटर बनाया गया है. लेकिन इस समय एनेस्थेसिया (बेहोशी) के सिर्फ दो डॉक्टर (डॉ. राकेश चौरसिया व डॉ. विकास) हैं. इमरजेंसी, आर्थो व जनरल सर्जरी से लेकर महिला अस्पताल तक में होने वाले ऑपरेशन में मरीज को बेहोश करने का काम इन्हीं के पास है. इमरजेंसी में इन दोनों डॉक्टरों को रात में भी ऑपरेशन देखना पड़ रहा है. इससे हफ्ते में सिर्फ 4 दिन ही ऑपरेशन हो पा रहे हैं. एनेस्थेसिया के डॉक्टर कम होने से परेशानी बढ़ने लगी तो कुछ दिन पहले सीएमओ ने कुंडा में तैनात एनेस्थेसिया के डॉ. सर्वेश श्रीवास्तव को मेडिकल कॉलेज से अटैच किया है. लेकिन वह हफ्ते में सिर्फ दो दिन आते हैं. उनकी ड्यूटी महिला अस्पताल की इमरजेंसी में लगाई जाती है. जिस दिन उनकी ड्यूटी रहती है उस दिन किसी गर्भवती महिला को ऑपरेशन की जरूरत पड़ी तो कर दिया जाता है. लेकिन अन्य दिनों में महिला अस्पताल में जब ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है तो मरीज को रेफर कर दिया जा रहा है. इससे एक ओर जहां निजी अस्पताल व दलालों की चांदी हो गई है वहीं मुफ्त इलाज की आस लेकर शहर आए मरीजों को निजी अस्पताल जाकर मोटी रकम चुकानी पड़ रही है.
बत्ती गुल होने से परेशानी राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय में दोपहर बिजली सप्लाई बंद हो गई. इससे ओपीडी में अंधेरा छा गया इससे मरीज, तीमारदार, डॉक्टर सभी परेशान हो उठे. चर्म रोग और हड्डी रोग की ओपीडी में इतना अंधेरा हो गया कि मोबाइल फोन की टार्च ऑन करनी पड़ी. हालांकि कुछ देर में लाइट आ गई तो सबको राहत मिली.