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भीषण गर्मी के कारण भूख और प्यास से पालतू कुत्ते भी हो रहे खूंखार
इलाहाबाद: घरों में कुत्ते, बिल्लियों को पालने के शौक के साथ जानवरों के काटने के मामलों में भी वृद्धि हो रही है. भीषण गर्मी के कारण पालतू जानवरों के व्यवहार में भी बदलाव हो रहा है. कुत्तों व अन्य जानवरों के काटने से वैसे तो बेली अस्पताल में रोजाना 100 से 0 लोग एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगवाने आते हैं. लेकिन इसमें हर दिन 30-35 लोग पालतू कुत्तों के काटने से घायल होते हैं. पालतू कुत्तों के अलावा बिल्ली, चूहा और बंदर भी लोगों को काट रहे हैं. बेली अस्पताल के पूर्व मुख्य फार्मासिस्ट एके त्रिपाठी ने बताया कि व्यक्ति की अपेक्षा कुत्तों के शरीर का तापमान अधिक होता है. जानवर पसीने के रूप में शरीर की गर्मी को बाहर नहीं निकाल पाते और भूख-प्यास के कारण काटते हैं. आंकड़ों के अनुसार बेली अस्पताल में मार्च और अप्रैल में 68 लोगों को एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगाए गए. इसमें 1789 लोगों को पालतू कुत्तों ने काटा था. इसमें मार्च की अपेक्षा अप्रैल में पालतू कुत्तों के काटने के 109 लोग अधिक शिकार हुए.
प्रीतमनगर की नमामि गंगे कॉलोनी में एक कुत्ते ने 10 लोगों को काटकर दहशत पैदा कर दी. दहशत भी ऐसी कि कॉलोनी के लोग सुबह से शाम तक घरों में कैद रहे. बच्चों को स्कूल नहीं भेजा.
कॉलोनीवासियों ने रात तक कुत्ते को सामान्य हालत में देखा था. कॉलोनी के लोगों ने बताया कि कुत्ता सुबह से भौंकते हुए लोगों को दौड़ाकर काटने लगा. नगर निगम के सफाईकर्मी को काटने की जानकारी होने के बाद कॉलोनीवासी घरों में कैद हो गए. कुत्ते के खौफ से कई अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा. कॉलोनीवासियों ने कुत्ते की धरपकड़ के लिए नगर निगम में पशुधन अधिकारी डॉ. विजय अमृतराज को सूचना दी. सुबह की सूचना के बाद दोपहर तीन बजे कुत्ता पकड़ने वाली टीम कॉलोनी में पहुंची. टीम ने आधे घंटे की कोशिश के बाद जाली लगाकर कुत्ते को पकड़ा. कुत्ता पकड़े जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली और घरों से बाहर निकले.