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लापरवाही बरतने पर इन्फ्लूएंजा वायरस का सीधा असर दिमाग पर पड़ रहा
लखनऊ: मौसम में बदलाव के चलते मौजूदा समय में शायद ही कोई घर ऐसा होगा जहां बुखार, खांसी की शक्ल में इन्फ्लूएंजा वायरस ने दस्तक नहीं दी हो. समय से बेहतर तरीके से इलाज न होने और लापरवाही बरतने पर इन्फ्लूएंजा वायरस का सीधा असर दिमाग पर पड़ रहा है. हैलट, उर्सला समेत अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में रोजाना से दस मरीज दिमागी बुखार के पहुंच रहे हैं. डॉक्टरों का मानना है कि मौजूदा समय में जरा सी भी लापरवाही बड़े खतरे में डाल सकती है.
हैलट के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. जेएस कुशवाहा ने बताया कि इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण सबसे पहले तेज बुखार आता है. फिर पेट में दर्द, लूज मोशन, बुखार की समस्या होती है. मरीज की शारीरिक क्षमता कम होने से वह बहुत कमजोर हो जाता है. लापरवाही बरतने पर यह बुखार दिमाग पर अटैक कर रहा है. हैलट में रोजाना तीन से चार मरीज ऐसे आ रहे हैं. इनकी केस हिस्ट्री में देखा गया बुखार आया तो पहले दवा नहीं खाई, फिर खुद ही बाजार से दवा लेकर खा ली. बुखार आते ही सबसे पहले डॉक्टर से परामर्श लें.
बच्चों में निमोनिया का भी खतरा उर्सला के सीएमएस डॉ शैलेंद्र तिवारी ने बताया कि इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण मरीजों की संख्या बढ़ी है. वहीं लापरवाही बरतने पर यह दिमाग तक पहुंच रहा है. बच्चों के चपेट में आने से निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है. बुखार ठीक होने में लगभग चार से पांच दिन का समय लगता है. उर्सला में रोज दो से तीन मरीज अस्पताल दिमागी बुखार वाले आ रहे हैं.