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उत्तर प्रदेश
DS रावत बोले- MSME क्षेत्र को अपने पैरों पर फिर खड़ा करने के लिए कर्ज देकर मदद करें बैंक
Shantanu Roy
14 Aug 2022 10:53 AM GMT

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बड़ी खबर
लखनऊ। एमएसएमई एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए बैंकों से उन्हें और अधिक तत्परता से कर्ज़ देने को कहा है। काउंसिल के अध्यक्ष डी. एस. रावत ने रविवार को कहा कि खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में शिल्प, कला और कृषि आधारित एमएसएमई इकाइयों को अपना अस्तित्व बचाने के लिए ज्यादा कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है। ऐसे में इन उद्योगों को समय से और वाजिब दर पर ऋण देने के वैकल्पिक स्रोत तैयार करने की फौरी जरूरत है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लिए समय से पूंजी उपलब्ध नहीं हो पाना सबसे बड़ी चुनौती है। इसके परिणामस्वरूप या तो इन औद्योगिक इकाइयों को अपना कामकाज समेटना पड़ता है या फिर वे बिल्कुल ही बंद हो जाती हैं।
उद्योग मंडल एसोचैम के पूर्व महासचिव ने कहा, ''ऐसे में यह जरूरी है कि एमएसएमई के लिए उपलब्ध वित्तपोषण के दायरे को और बढ़ाया जाए ताकि यह क्षेत्र समावेशी विकास और रोजगार सृजन के मामले में अपने उल्लेखनीय योगदान को जारी रख सके।'' उन्होंने कहा कि सरकार को वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) सेवाओं को प्रोत्साहित करना चाहिए क्योंकि यह प्रौद्योगिकी उपभोक्ताओं के लिए मददगार है और इससे बैंकों पर निर्भरता भी कम होती है। रावत ने कहा कि अगर फिनटेक सेवाओं को प्रभावशाली ढंग से लागू किया जाए तो एमएसएमई क्षेत्र में हर साल रोजगार के कम से कम 50 लाख प्रत्यक्ष और इतने ही अप्रत्यक्ष अतिरिक्त अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर फिनटेक में निवेश सालाना 15 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और वर्ष 2021 के अंत तक यह 50 अरब डॉलर के स्तर को छू चुका है। रावत ने कहा कि फिनटेक इस वक्त वित्तीय क्षेत्र की रीढ़ बन चुका है। यह कहना गलत नहीं होगा कि वित्तीय ढांचा पूरी तरह से एक नए फलक पर कदम रख रहा है।
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