उत्तर प्रदेश

छापेमारी के दौरान 3 करोड़ की नशीली दवा बरामद

Admindelhi1
1 March 2024 6:03 AM GMT
छापेमारी के दौरान 3 करोड़ की नशीली दवा बरामद
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बांग्लादेश तक हो रही थी सप्लाई

बरेली: रात भर चली छापेमारी के दौरान एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) की टीम ने तीन करोड़ रुपये की नशीली दवाओं का जखीरा बरामद किया है. मेडिकल स्टोर संचालक अपने भाई के साथ मिलकर यह धंधा चला रहा था. टीम ने मेडिकल स्टोर संचालक को गिरफ्तार कर लिया है और उसके भाई की तलाश जारी है. जांच में सामने आया कि वे लोग इन नशीली दवाओं को बांग्लादेश तक सप्लाई करते थे.

सीबीगंज के महेशपुर निवासी मुन्ने थाना किला क्षेत्र में फाटक के पास किला मेडिकल स्टोर का संचालक है. एएनटीएफ की सीओ प्रतिमा सिंह और प्रभारी विकास यादव ने शाम उसके मेडिकल स्टोर पर छापा मारकर उसे हिरासत में ले लिया. मौके से कुछ नशीली दवाएं बरामद हुईं. उसकी निशानदेही पर सीबीगंज के महेशपुर गांव में गांधी आश्रम के पास ने गोदाम में छापा मारा तो वहां से बड़ी तादात में नशीली दवाओं का जखीरा बरामद हुआ.

मुन्ने से पूछताछ में सामने आया कि उसका भाई बबलू उर्फ कमर गनी नशीली दवाओं की खेप मंगाता था. फिर वे लोग इसे दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड के अलावा पड़ोसी देश बांग्लादेश तक सप्लाई करते थे. बरामद दवाओं की कीमत करीब तीन करोड़ रुपये बताई जा रही है. सीबीगंज पुलिस ने मुन्ने को जेल भेज दिया.

ये दवाएं बरामद की गईं

आरोपियों के गोदाम से ट्रामाडॉल युक्त एक लाख नौ हजार 584 कैप्सूल, अल्प्राजोलाम युक्त दो लाख हजार 0 टैबलेट, 23 हजार 276 बोतल कोडीन फास्फेट युक्त सीरप, नाइट्राजीपाम युक्त 00 टैबलेट बरामद की गईं. बरामद हुई सभी नशीली दवाओं का वजन करीब 11 क्विंटल है. इसके अलावा एक मोबाइल फोन और 1.66 लाख रुपये नकद बरामद हुए. बरामद हुई सभी दवाएं डॉक्टर के पर्चे के बिना बेचना प्रतिबंधित है और इसकी हर एक टैबलेट का हिसाब होना अनिवार्य है.

नहीं मिला कोई हिसाब, लपेटे में आएंगे कई अन्य

जांच के दौरान आरोपी मुन्ने इन नशीली दवाओं को बेचने और स्टॉक का लाइसेंस नहीं दिखा सका. इस वजह से उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत थाना सीबीगंज में रिपोर्ट दर्ज की गई है. साथ ही दवाओं की बिक्री और खरीद का भी उसके पास कोई हिसाब नहीं मिला है. अब सीबीगंज पुलिस इन दवाओं की सप्लाई को लेकर जांच करेगी और कई अन्य के खिलाफ शिकंजा कसा जाएगा.

औषधि प्रशासन विभाग भी जांच में जुटा

कार्रवाई के दौरान एएनटीएफ की टीम ने औषधि प्रशासन विभाग के ड्रग इंस्पेक्टर राजेश कुमार और बबिता रानी को भी बुलाया था. अब यह टीम स्थानीय स्तर पर मुन्ने और बबलू से यह दवा खरीदने और बेचने वालों की जानकारी कर कार्रवाई की तैयारी कर रही है. बता दें कि पूर्व में बरेली के 11 थोक दवा कारोबारी इसी तरह नशीली दवाओं के कारोबार के चलते कार्रवाई के घेरे में आए थे लेकिन सेटिंग से उनका मामला रफा दफा हो गया.

बांग्लादेश में तीन गुनी कीमत पर होती है बिक्री

दवा व्यापारियों के मुताबिक कोडीन फास्फेट युक्त कफ सीरप की नशेड़ियों में सर्वाधिक मांग रहती है. एक सीरप में शराब के एक क्वार्टर के बराबर नशा होता है. बांग्लादेश समेत अन्य स्थानों पर इस कफ सीरप को ढाई से तीन गुना कीमत पर बेचा जाता है. यह सीरप लखनऊ से बड़ी तादात में बरेली आता है. वर्ष में लखनऊ से गाजियाबाद भेजी गई ऐसी ही खेप को दिल्ली काइम ब्रांच ने पकड़ लिया था. किला के ट्रांसपोर्ट के जरिये माल भेजा गया था. बरेली के दवा सप्लायर को भी गिरफ्तार किया गया था.

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