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उत्तर प्रदेश
सूखे ने बना दिया 80 अरब का कर्जदार, मंडल के एक लाख किसानों पर ही है इतना बैंक कर्ज
Tara Tandi
31 Aug 2023 9:08 AM GMT

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दो दशक से सूखे से जूझ रहे बुंदेलखंड के किसान आर्थिक रूप से उबर नहीं पा रहे हैं। चित्रकूटधाम मंडल के किसानों पर करीब 80 अरब से अधिक का कर्ज है। इस वर्ष भी खरीफ की फसल होने की उम्मीद नजर नहीं आ रही। किसान सरकार से कर्ज माफी की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उधर, मंडल में सूखे के प्रभाव को कम करने वाली योजनाओं ने तेजी पकड़ ली।बुंदेलखंड में पिछले 50 सालों में करीब 20 वर्ष ऐसे रहे कि दैवीय आपदाओं ने किसानों की फसलें बर्बाद हुईं। किसान साल दर साल कर्ज के बोझ तले दबता गया। आय दोगुनी करने के बड़े-बड़े दावे भी काम नहीं आए। आंकड़ों की माने तो चित्रकूटधाम मंडल में चार लाख से अधिक किसानों पर कर्ज है।
इन पर करीब 80 अरब से अधिक का कर्ज है। इनमें एक लाख से अधिक ऐसे किसान हैं, जिन्होंने बैंक से करीब 35 अरब रुपये का कर्ज ले रखा है। बैंक की तमाम कोशिशों के बाद भी लौटा नहीं पा रहे है। बैंकों ने अपनी रकम एनपीए (बट्टे खाते) में डाल दी।
उधर, अधिकारियों ने शासन को सूखा न्यूनीकरण प्रबंधन योजना के तहत मंडल में सूखे के असर को कम करने के लिए 100 करोड़ की कार्ययोजना भेजी है। इसके साथ ही पहले से चल रहे काम मेड़बंदी, खेत-तालाब, पशुपालन, उद्यान जैसी योजनाओं ने तेजी पकड़ ली है।
इन वर्षों में मंडल ने झेली सूखे की मार
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक 1972 व 1973 में मंडल सूखाग्रस्त रहा। पांच साल तक कुछ फसल ठीकठाक रही और 1979 में मानसून फिर दगा दे गया। एक साल बाद 1980 व 1983 तक लगातार मंडल सूखे की विभीषिका से जूझता रहा। 1986 व 87 में भी मानसून रूठा रहा। इसके बाद 1990 से 1993 तक व 1997, 1998 मे भी कुदरत ने साथ नहीं दिया। वर्ष 2003, 2005, 2011, 2016, 2017 और 2020 में भी मंडल सूखाग्रस्त रहा।
सूखे के असर को कम करने को कई योजनाएं
उप निदेशक कृषि विजय कुमार का कहना है कि सरकार की सूखा न्यूनीकरण प्रबंधन योजना के तहत जिले में सूखे को कम करने के लिए मेड़बंदी, खेत-तालाब योजना, पशुपालन, उद्यान जैसी तमाम योजनाएं संचालित हैं। इधर, विभागों ने 100 करोड़ की कार्ययोजना और भेजी है। कुछ दिन बाद किसान कम बारिश पर भी अच्छी आय अर्जित कर सकेगा।
केस-1
गंछा के किसान सीताराम का कहना है कि पिछले कई सालों से सूखा व अतिवृष्टि से फसल नहीं हो पा रही है। इस वर्ष केसीसी से कर्ज लेकर खरीफ की बुआई की तो पहले सूखा फिर बारिश से फसल नहीं हो पा रही है। बैंक का कर्ज कैसे और कहां से अदा करें।
केस-2
कनवारा के किसान शंभू का कहना है कि कई सालों से फसलों पर कुदरत का कहर बरप रहा है। दो साल पहले कर्ज लेकर खेतों में खाद-बीज डाला तो सूखे ने चौपट कर दिया। इस वर्ष पहले सूखा फिर बारिश से फसल चौपट हो गई। बैंक का कर्ज कहा से अदा करें।
सरकार ने जिले में कर्जदार किसानों का ब्यौरा मांगा था। जो भेज दिया गया है। जल्द सरकार कर्ज माफी पर कोई निर्णय लेगी। -विनय पांडेय, अग्रणी बैंक प्रबंधक, बांदा
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