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कैण्ट रेलवे स्टेशन पर पेयजल व्यवस्था बेपटरी, नल की टोंटियां बदहाली पर बहा रही आंसू
फैजाबाद न्यूज़: मॉडल स्टेशन के रूप में विकसित कैण्ट रेलवे स्टेशन पर पेयजल व्यवस्था बेपटरी हो गई है. स्टेशन पर लगे नलों की टोटियां अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है. स्टेशन पर लगे नलों की टोटियां यात्रियों के हलक को तर करने में नाकाफी हैं. यात्रियों की प्यास बुझाने के लिए जगह-जगह लगी टोटियों में पानी नहीं आता और जिसमें आ भी रही हें गंदगी की वजह से बदबूदार पानी गले से नीचे नहीं उतरता. जिससे गर्मी की तपिश में यात्रियों के गले सूखे रह जा रहे हैं.
गर्मी के मौसम में तापमान ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है. लगभग 40 डिग्री तापमान होने से रेलवे के यात्रियों की हलक सूखने लगी है. सफर करने वाले हर यात्रियों को प्यास बुझाने के लिए स्टेशनों पर पानी की तलाश होती है. ऐसे में रामनगरी अयोध्या के कैण्ट रेलवे स्टेशन को मॉडल स्टेशन के रूप में विकसित किया गया है, लेकिन पेयजल व्यवस्था बेपटरी है.
रेलवे स्टेशन पर पड़ताल की तो मॉडल स्टेशन की पोल खुल गई. बुकिंग काउंटर से प्रवेश करके प्लेटफार्म नंबर के एक दाहिने हाथ यात्रियों की प्यास बुझाने के लिए कई टोटियां नजर आईं, लेकिन उनमें से दो टोटियां खराब थी. जिनसे पानी भी नहीं टपका. वहीं अन्य टोंटियों से पानी गरम निकला. जबकि टोटियों के ऊपर ‘शीतल जल’ का स्लोगन लिखा हुआ था. इसी तरह आगे बढ़ने पर नए प्लेटफार्म की ओर पांच टोटी लगा नल मिला, लेकिन उसमें पानी ही नहीं आ रहा था. अन्य टोंटियों से गरम पानी आ रहा था. जिसे कुछ यात्री मजबूरी में पीते नजर आए.
यहीं आलम प्लेट फार्म नंबर दो और तीन का रहा. यहां भी पेयजल व्यवस्था बदहाल दिखी. सबसे अहम बात यह रही कि टोटियों के आसा-पास लोगों ने पान-मसाला खाकर थूक दिया गया था. जिसकी साफ- सफाई हुई थी और बदबूदार पानी पीने को यात्री मजबूर रहे. नल के पास व्याप्त गंदगी यात्रियों को बीमारी की दावत देती नजर आई. इसके अलावा स्टेशन के विभिन्न प्लेटफार्म पर लगे नल नाकाफी हैं, क्योंकि जब ट्रेनों का स्टेशन पर ठहराव होता है तो महज दो या पांच मिनट के लिए ही होता है. ऐसे हालात में यात्रियों की तादाद अधिक होती है और सभी प्यास बुझाने के लिए नलों की तलाश मे भटकते हैं, क्योंकि नलों की संख्या यात्रियों की अपेक्षा कम होती है. पश्चिम बंगाल जा ररहे यात्री तापस ने बताया कि नलों में पानी गरम आ रहा है और गंदगी है. जिससे पानी पीने का मन नहीं किया.
लुधियाना से पहुंचे यात्री जगन्नाथ ने बताया कि नलों के पास गंदगी देखकर मन खिन्न हो गया. बोतल का पानी खरीदकर पिया. कोटा के यात्री राज शर्मा ने बताया कि नलों में पानी बहुत गरम आ रहा है और टोटियों से धीरे-धीरे पानी गिर रहा है.