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मेरठ न्यूज़: गांव सरीखे वार्ड आठ में नागरिक जहां विकास की प्यास नहीं बुझा पाए हैं, वहीं इस वार्ड में 15 साल पहले बिछाई गई पाइप लाइन में आज तक पेयजल आपूर्ति शुरू नहीं हो पाई है। जिसके कारण लोगों को पानी की एक एक बूंद के लिए तरसना पड़ता है। लिसाड़ी, नूर नगर, ईरा गार्डन, नगला शेरखान उर्फ जैनपुर आदि मोहल्लों को मिलाकर बनाए गए वार्ड-8 में मतदाताओं की संख्या 12 हजार से अधिक बताई गई है। दलित और मुस्लिम बाहुल्य इस वार्ड का पार्षद के रूप में प्रतिनिधित्व धर्मवीर कर रहे हैं। मांगेराम शर्मा, प्रिंस, नवाबउद्दीन, सलमान सैफी आदि से वार्ड की समस्याओं पर चर्चा हुई। जिसमें यह बात प्रमुखता से सामने आई कि इस वार्ड के लोगों को पानी की बूंद बूंद के लिए तरसना पड़ता है। अति पिछड़े इस वार्ड में पेयजल आपूर्ति के लिए वर्ष 2007 में डूडाकी ओर से चलाई गई योजना के तहत पाइपलाइन बिछाई गई थी।
जिसके बाद लोगों ने अपने घरों और प्रतिष्ठानों पर पानी के कनेक्शन भी ले लिए थे, लेकिन 15 वर्ष की अवधि बीत जाने के बावजूद इन पाइपलाइन के माध्यम से वार्ड में पेयजल आपूर्ति नहीं की जा सकी है। वर्तमान स्थिति यह है की दो बार पानी छोड़ कर जलापूर्ति का प्रयास किया गया, लेकिन बिछाए गए पाइप जगह-जगह से पिचक चुके हैं, या टूट चुके हैं। जिसका नतीजा यह हुआ कि जब पानी छोड़ा गया तो वह पाइपलाइन में जाकर पूरे वार्ड में जगह-जगह से सड़कों को और खड़ंजों को चीरता हुआ बाहर निकलकर रास्तों पर बहने लगा। जिसके कारण वार्ड की कई गलियां और रास्ते धंस गए। वार्ड पार्षद धर्मवीर का कहना है कि अपने वार्ड को पेयजल आपूर्ति कराने के लिए उन्होंने दर्शक प्रयास किए हैं। 15 साल पहले बिछाई गई पाइपलाइन पूरी तरह से तहस-नहस हो चुकी है। और इस लायक नहीं बची है कि उस के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा सके। मौजूदा स्थिति यह है के वार्ड के समर्थ और सम्पन्न लोगों ने अपने अपने संसाधनों से सबमर्सिबल आदि लगाकर पानी की व्यवस्था कर रखी है।
जबकि आम लोगों के लिए पूरे वार्ड में पार्षद के प्रयास से 20 सरकारी हैंडपंप लगाए गए हैं, लेकिन इतने बड़े वार्ड में मात्र 20 हैंडपंप ऊंट के मुंह में जीरे के समान हैं। इसी कारण हैंडपंप पर पानी भरने लोगों की लाइन देखी जा सकती है। इसके अलावा कई हैंडपंप अक्सर खराब पड़े रहते हैं। जिसके कारण पानी की समस्या और विकट हो जाती है। यहां के लोगों का कहना है कि वे नगर निगम को गृह कर जलकर दिए जा रहे हैं, लेकिन नगर निगम ने उनकी इस मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने की दिशा में पिछले 15 साल से कोई ठोस प्रयास नहीं किया है। पानी की किल्लत झेल रहे लोगों का कहना है कि उन्हें लगता है वे मेरठ में नहीं बल्कि किसी रेगिस्तान के इलाके में निवास कर रहे हैं। इसके अलावा साफ सफाई नालियों का आटा रहना कई जगह टूटी फूटी सड़कें, रास्तों का अभाव आदि दूसरी समस्याओं से इस वार्ड के लोग आए दिन दो-चार होते रहते हैं। मांगेराम शर्मा का कहना है जोहड़ के पानी की निकासी ना होने के कारण यह पूरा क्षेत्र जलमग्न रहता है। यहां बिजली मुंबई से लेकर नूर नगर पुलिया तक का पानी जमा हो जाता है। इस पानी को कहीं दूसरी जगह निकालकर क्षेत्र के लोगों को रहस्य किए जाने की आवश्यकता है। बरसात के दौरान रेलवे अंडरपास में पानी भर जाता है। जिसके कारण बिजली मुंबई की ओर जाने वाला रास्ता बंद हो जाता है। कई जगह स्ट्रीट लाइट और बल्ब आदि खराब होने के कारण गलियां अंधेरे में डूबी हुई देखी जा सकती हैं।
पार्षद का कथन: वार्ड आठ के पार्षद धर्मवीर का दावा है कि उनके कार्यकाल में वार्ड में 10 से 12 करोड तक के कार्य हो चुके हैं। इनमें नूर नगर पुलिया से मेवला फाटक तक नाला निर्माण, नूर नगर से लिसाड़ी तक साइड पटरी, पेंट की सड़क भगवतीपुर में आठ गली में शांति नगर नूर नगर में निर्माण समेत नाली खड़ंजा इंटरलॉकिंग आदि के कार्य शामिल हैं। उनका अपना एक सपना यह रहा है कि वार्ड में सीवर लाइन बिछाई जाए और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था शुरू कराई जा सके, लेकिन यह दोनों काम बहुत बड़े बजट के हैं, जिसके लिए शासन प्रशासन स्तर से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।