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- गर्मी आते ही गहराया...
झाँसी न्यूज़: गर्मी की दस्तक के साथ गांवों में पेयजल संकट से ग्रामीण जूझने लगे हैं. अधिकांश ग्राम पंचायतों में खराब हैण्डपंपों की संख्या बढ़ने लगी और कुंओं, तालाबों आदि जलस्रोतों में लगातार जल स्तर कम होता जा रहा है. इससे ग्रामीणों और उनके मवेशियों के लिए पीने के पानी का संकट खड़ा हो गया.
ठंड का असर कम होते ही गर्मी ने दस्तक देनी शुरू कर दी है. दिन में तेज धूप से लोग परेशान हो जा रहे हैं. पानी की मांग बढ़ने लगी है. जिले में जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी वैसे-वैसे नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में दिन प्रतिदिन पीने के पानी की किल्लत होगी.
विकास खंड तालबेहट स्थित ग्राम पंचायत मऊ, मुकटौरा, म्यांव, बैदोरा, राजपुर, कोटरा, रारा में ग्रामीण पीने के पानी को अभी से परेशान होने लगे है. इन ग्रामों की दलित वस्तियों से लेकर गांव के प्रमुख स्थानों के हैण्डपंप खराब हो गए. कई जगह हैण्डपंप सूख चुके हैं. कुंओं में जल स्तर कम हो गया, जिससे इन ग्रामों के लोगों को पीने के पानी के लिए अन्य मजरों के हैण्डपंपों से पानी लाना पड़ रहा है. महिलाओं और बच्चों का सुबह से शाम तक पानी के लिए जुगत मिलानी पड़ रही है. इन ग्रामों में अमृत पेयजल योजना भी अब तक शुरू नहीं हुई है. जिसके चलते ग्रामीण पानी के पानी के लिए बुरी तरह परेशान है. इन ग्राम पंचायतों के स्कूलों में पानी के लिए परेशानी बन रही है.
लाखों रुपये खर्च फिर भी जल संकट बरकरार: बीते दो वर्षो में हैडपंप रिपेयरिंग पर ग्राम पंचायत मऊ में करीब 9 लाख 70 हजार रुपए, मुकटौरा में टैंकर सप्लाई तथा हैण्डपंप रिपेयरिंग पर करीब 4 लाख 80 हजार रुपये तथा म्यांव में बीते दो वर्षो में टैंकर सप्लाई व रिपेयरिंग पर करीब 8 लाख 72 हजार रूपए व्यय किए गए. प्रति वर्ष लाखों रूपए व्यय के बावजूद इन ग्रामों में हर वर्ष जल संकट से ग्रामीण जूझते हैं.