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दूध पी रहे हैं या मिलावटी जहर, 50 फीसदी से अधिक सैंपल फेल
मेरठ न्यूज़: आपके दूध में जहर हो सकता है. जी हां, दूध के नाम पर लोगों को डिटर्जेंट, यूरिया, शैंपू आदि का घोल परोसा जा रहा है. मिलावटखोर अधिक मुनाफे के लिए दूध की शुद्धता को भंग कर इसमें जहरीली मिलावट कर रहे हैं. खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रसाधन विभाग की रिपोर्ट इसकी तस्दीक करती है. आंकड़ों के मुताबिक दूध के 50 ़फीसदी तक नमूनों में मिलावट मिल रही है.
हर साल बड़ी संख्या में हो रहे सैंपल फेल दूध और दूध से बनी मिठाइयों, मावा, घी आदि उत्पादों के सैंपल हर वर्ष बड़ी संख्या में फेल हो रहे हैं विभाग की वर्ष 2022-23 की रिपोर्ट के मुताबिक दूध के 80 से अधिक सैंपल मानकों के विपरीत पाए गए. 217 सैंपल अधोमानक मिले. 12 फेल हुए. 29 पर मुकदमा दर्ज हुआ. 37 सैंपल असुरक्षित पाए गए. विभाग द्वारा कुल 1 करोड़, 26 लाख, 75 हजार का जुर्माना मिलावटखोरों पर लगाया गया.
वर्ष 2021-22 में 207 में से 56 सैंपल मानकों के विपरीत पाए गए. 40 अधोमानक और 16 असुरक्षित मिले थे. 2020-21 में 68 दूध के नमूनों में मिलावट मिली थी.
अमूल प्लांट के लिए भूमि पूजन की तैयारियां शुरू:
अमूल कंपनी के बागपत में 800 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होने वाले प्लांट का जल्द भूमि पूजन हो सकता है. सूत्रों का कहना है कि दाखिल-खारिज होने के बाद कंपनी ने भूमि पूजन की तैयारियां शुरू कर दी है. प्लांट लगने से करीब तीन हजार लोगों को रोजगार मिलेगा, जबकि पशुपालकों को दूध की बिक्री करने के लिए दिल्ली, गाजियाबाद के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. अमूल कंपनी ने बागपत में 800 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए आवेदन दिया था.
ऐसे पहचाने मिलावट:
● दूध में कुछ बूदें आयोडीन टिंचर या आयोडीन सॉल्यूशन की डालें. दूध का रंग नीला हो जाए तो दूध मिलावटी है.
● एक चम्मच दूध में आधा चम्मच सोयाबीन या अरहर दाल का पाउडर डालें. पांच मिनट बाद लाल लिटमस पेपर डालें. इसका रंग आधे घंटे बाद यदि नीला हो जाए तो दूध में यूरिया मिलाया गया है.
● सिंथेटिक दूध का स्वाद कड़वा होता है.
● यूरियस स्ट्रिप की मदद दूध में कृत्रिम प्रोटीन की जांच की जा सकती है.
दूध में जहरीली मिलावट:
विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक मिलावट खोर उत्पादन बढ़ाने को नकली दूध बनाते हैं. जिसमे डिटर्जेंट, झाग बनाने वाले तेल, आलू का पाउडर, रिफाइंड तेल, सिंथेटिक स्टार्च, यूरिया, कार्बोनेट, ईजी, अमोनिया, नाइट्रेट फर्टिलाइजर, शुगर, सिंघाडे का आटा, वसा, चर्बी आदि मिलाया जाता है. साथ ही मेलामाइन व हाईड्रोजन पराक्साइड केमिकल की मिलावट भी होती है.
ऐसे बनाते हैं नकली दूध:
मिलावट खोर नकली दूध बनाने के लिए तीन सौ ग्राम ईजी लेकर खूब झाग बनाते हैं. बढ़िया झाग तैयार होने के बाद इसमें इसमें एक लीटर दूध, पांच लीटर पानी, एक लीटर रिफाइंड मिलाकर खूब चलाया जाता है. इस घोल में 15 लीटर पानी और जरूरत अनुसार यूरिया डाला जाता है. मिठास के लिए पीसी चीनी मिलाई जाती है. इस तरह 20 लीटर सिंथेटिक दूध तैयार हो जाता है.