उत्तर प्रदेश

डॉ रिम्पी पांडेय ने महिलाओं को केला के रेशा से टी कोस्टर, प्लेट, टेबल मैट बनाना सिखाया

Admindelhi1
29 April 2024 5:14 AM GMT
डॉ रिम्पी पांडेय ने महिलाओं को केला के रेशा से टी कोस्टर, प्लेट, टेबल मैट बनाना सिखाया
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प्लास्टिक का बेहतर विकल्प हो सकता है केले का रेशा

फैजाबाद: नाबार्ड के सौजन्य से ओंकार सेवा संस्थान द्वारा अमानीगंज विकासखंड के एनसीटीओपीटी इंटर कालेज मोहली में संचालित आजीविका और उद्यम विकास कार्यक्रम में कानपुर से आई डॉ रिम्पी पांडेय ने महिलाओं को केला के रेशा से टी कोस्टर, प्लेट, टेबल मैट बनाना सिखाया. उन्होंने कहा कि कहा कि कृषि कार्य में उपयोग में आने वाली प्लास्टिक शीट की जगह केला के रेशा से निर्मित कपड़ा का उपयोग किया जा सकता है. जिससे सभी प्लास्टिक के उपयोग से बच सकते हैं. इसके साथ ही केला रेशा में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश तथा अन्य सूक्ष्म तत्व भी मिट्टी को प्राप्त होंगे. इससे किसान की उर्वरक की लागत कम होगी तथा यह मिट्टी में आसानी से विघटित हो जायेगा. जिससे उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी. कार्यक्रम समन्वयक सूर्य कुमार त्रिपाठी ने बताया कि किसान भाई सब्जी की खेती में लिए मल्चिंग शीट के लिए प्लास्टिक का प्रयोग करते हैं. जिससे किसान की लागत बढ़ती है तथा उसे बार बदलना पड़ता है और एक दो वर्ष के अंदर हो वह फट भी जाती है ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए हमे केला रेशा एक बेहतर विकल्प के रूप में काम कर सकता है.

संस्था के द्वारा इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके नाबार्ड के माध्यम से सरकार के प्रेषित की जाएगी. नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक कमलेश यादव के नेतृत्व में महिलाओं को केला रेशा से संबंधित विस्तृत और सर्वांगीण प्रशिक्षण प्रदान किया जा जा रहा है . प्रशिक्षण के उपरांत उन्हे उत्पाद तैयार करने के लिए आवश्यक संसाधन भी प्रदान किया जाएगा. जिससे उनकी आजीविका सुनिश्चित हो सके. कार्यक्रम में कमल कांति, प्रीति सिंह,अनीता तिवारी, राजकुमारी, संगीता, सरोज सिंह,संगीता सिंह,सुनीता सिंह सहित द्वितीय बैच की सभी तीस महिलाएं उपस्थित रही .

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