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नालों पर बनेगी डबल स्टोरी पार्किंग, नहीं बदले जाएंगे तीर्थंकर और पथ के नाम
मेरठ न्यूज़: नगर निगम कार्यसमिति की बैठक में मामूली संशोधन के साथ 796 करोड़ रुपये का पुनरीक्षित बजट पारित किया गया। महानगर के नालों को मजबूत स्लैब डालकर डबल स्टोरी पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी, इसके लिए प्रस्ताव को शासन स्तर से स्वीकृति का इंतजार है। एक महत्वपूर्ण निर्णय यह लिया गया कि 19 नवंबर को बोर्ड बैठक में रेलवे रोड और शास्त्रीनगर क्षेत्र के दो मार्गों के नाम बदलने का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। अब सेठ दयानन्द गुप्ता और डा. भीमराव अंबेडकर के नाम पर ऐसे मार्गों को तलाश किया जाएगा, जिनका नामकरण न हुआ हो। महापौर सुनीता वर्मा की अध्यक्षता में पूर्वान्ह 11-30 बजे शुरू हुई र्का समिति की बैठक में पटल पर 796 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया गया। हालांकि इसे पारित होने में कई घंटे का समय लगा, इस बीच सदस्यों की ओर से लाए गए कुछ संशोधन को कार्यवाही में शामिल किया गया। वहीं नगर आयुक्त अमित पाल शर्मा और मौजूद अधिकारियों ने बजट के प्रावधानों को लेकर सदस्यों की शंकाओं का समाधान करने का प्रयास किया। आचार संहिता लग जाने के अनुमान के बीच गड्ढों और रास्तों की मरम्मत आदि के लिए 10 करोड़ रुपये निर्माण निधि और 14 करोड़ रुपये 15वें वित्त आयोग से खर्च करने का प्रावधान रखा गया। इसके अलावा दो करोड़ रुपये स्टोर में निर्माण सामग्री के लिए पारित किए गए, जिससे किसी भी छोटे-छोटे कार्य को कराने के लिए टेंडर आदि की प्रक्रिया से न गुजरना पड़े। ठेकेदारों के भुगतान के संबंध में उठाए गए सवाल के जवाब में नगर आयुक्त ने कहा कि निर्माण की गुणवत्ता और मानक की जांच के उपरांत ही भुगतान किया जाता है। इस पर समिति सदस्यों ने आंशिक भुगतान रोकने की व्यवस्था पर बल दिया।
जलकल विभाग की ओर से कराए जाने वाले मरम्मत आदि कार्यों के लिए चार करोड़ की राशि हालांकि स्वीकृत की गई, लेकिन अधिकांश सदस्यों ने जलकल विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि विभाग यह धनराशि कैसे खर्च करता है, किन इलाकों में क्या काम कराता है, इसका कोई हिसाब देने वाला नहीं है। कार्य समिति सदस्य ललित नागदेव नेनिगम की आय बढ़ाने के लिए कुत्ते पालने का लाइसेंस देने की प्रक्रिया को सरल करने का सुझाव दिया। इस पर नगर आयुक्त अमित पाल शर्मा ने कहा कि नगर निगम की ओर से डॉग एप लॉन्च किया जाएगा। जिसके माध्यम से आॅनलाइन पंजीकरण, फीस जमा करने समेत लाइसेंस प्राप्त करने के काम के लिए लोगों को नगर निगम के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसका सदस्यों ने मेजें थपथपाकर स्वागत किया। लिलित नागदेव ने हर वार्ड में कम से कम 30 लाइटें लगाए जाने के लिए एक करोड़ रुपये लाइट के लिए पारित करने का प्रस्ताव दिया, जिसे सभी ने स्वीकृति दी। इस राशि से तीन हजार लाइटें खरीदकर समूचे नगर क्षेत्र में लगाई जाएंगी। वहीं नगर क्षेत्र के 90 वार्डों में निर्माण कार्य के लिए महज छह सुपरवाइजर होने का मुद्दा उठाया गया।
सदस्यों का कहना था कि एक सुपरवाइजर के हिस्से में 15 वार्ड आते हैं, ऐसे में छह और सुपरवाइजर रखने या अनुभवी कर्मचारियों को प्रमोट करने के लिए कार्यसमिति ने स्वीकृति प्रदान की। इसके अलावा ललित नागदेव ने कोर्ट आदि के कामकाज के लिए रिटेनर निर्धारित करने का सुझाव दिया। बैठक के दौरान पार्किंग की गंभीर समस्या के विषय में सवाल उठाए गए। जिसके जवाब में नगर आयुक्त और निर्माण विभाग के अधिकारियों ने अगवत कराया कि बेगमपुल से कचहरी, सूरजकुंड आदि क्षेत्रों में नालों को स्लैब से पाटकर डबल स्टोरी पार्किंग बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। जिसको मंजूरी मिलते ही काम शुरू कराया जाएगा। बताया गया कि इसके प्रथम चरण में छह करोड़ रुपये की परियोजना है, जिसमें हर साल 60 लाख रुपये की आय का अनुमान लगाया गया है। महानगर में किसी प्रकार के केबल बिछाने, पाइप लाइन बिछाने के दौरान सड़कों और खड़ंजों को तोड़-फोड़कर पूर्व स्थिति में न करने का मुद्दा सदस्यों की ओर से उठाया गया। जिसके जवाब में नगर आयुक्त अमित पाल शर्मा ने कहा कि एक आदेश जारी कर दिया गया है, जिसके अनुसार अब सड़क खोदकर केबल, पाइप लाइन आदि बिछाने के लिए रोड कटिंग करने की सूचना निगम को देनी होगी।
नगर निगम से निर्माण विभाग की टीम पूरे काम की मॉनिटरिंग करेगी। काम पूरा हो जाने के बाद संबंधित ठेकेदार रोड को पूरी तरह सही करे, यह सुनिश्चित किया जाएगा। भाजपा पार्षद अनुज वशिष्ठ की ओर से इस बात पर आपत्ति दर्ज कराई गई कि रेलवे रोड का नाम तीर्थंकर महावीर मार्ग से बदलकर सेठ दयानन्द गुप्ता मार्ग और शास्त्रीनगर में महर्षि दयानंद यरस्वती पथ का नाम बदलकर डा. भीमराव अंबेडकर मार्ग करने का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पारित किया गया है। इस पर कार्य समिति ने इन मार्गों के नाम पूर्ववत रखे जाने का प्रस्ताव पारित किया। साथ ही सेठ दयानन्द गुप्ता और डा. भीमराव अंबेडकर के नाम पर ऐसे रोड का नामकरण करने का प्रस्ताव लाया गया, जिनको अभी तक कोई नाम नहीं दिया गया है। इसके अलावा अधिकारियों की ओर से बताया गया कि अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए मेरठ महानगर में 180 स्थानों पर सीसीटीवी लगाए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इसको स्वीकृति मिलने के साथ ही सीसीटीवी लगाने का काम शुरू किया जाएगा।
जिसके बाद महानगर का लगभग हर प्रमुख स्थान कैमरों की नजर में रहेगा। इस व्यवस्था में छह महीने तक की रिकार्डिंग सुरक्षित होने की बात भी कही गई। समिति के वाइस चेयरमैन रंजन शर्मा, अंशुल गुप्ता, सुनीता प्रजापति, अब्दुल गफ्फार सैफी, इकराम बालियान समेत कार्य समिति के अधिकतर सदस्य और नगर निगम के अधिकांश अधिकारी मौजूद रहे।