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पॉलीटेक्निक चौराहे पर कब हो जाए कौन सा सिग्नल, पता नहीं
लखनऊ न्यूज़: लापरवाही की वजह से पॉलीटेक्निक चौराहे पर सुबह भीषण जाम लग गया. यही नहीं पता चल पा रहा था कि कौन सा सिग्नल कब चल रहा है. इससे निशातगंज की ओर से आने वाली सड़क पर वाहनों की कतारें 500 मीटर दूर तक लगी रहीं.
पॉलीटेक्निक चौराहे का सिग्नल कई दिनों से खराब है. निशातगंज की ओर से आने वाली सड़क की ओर एक ही लाइट जल रही है. पुल के नीचे की लाइटें ठप हैं. ऐसे में जिन वाहन चालकों की सड़क पर बाईं ओर लगी लालबत्ती पर नजर पड़ गई, वे रुक गए. बाकी आगे बढ़ते रहे. इस चक्कर में गोमती नगर से मुंशी पुलिया की ओर जाने वाले वाहन ठीक से नहीं निकल पाए, जबकि उधर की लाइट सही है.
पुलिस ने और फंसा दिया ट्रैफिक पुलिस ने इस समस्या का समाधान निकालने के बजाय उलझा दिया. निशातगंज की ओर से आने वाले वाहन चौराहे पर रुकने के बाद जैसे ही आगे बढ़े उनको पुल के नीचे रोक दिया गया. यहां से आगे बढ़े तो गोमती नगर की तरफ वाला ट्रैफिक सिग्नल लाल था. नतीजतन जरा सी दूरी पार करने में तीन बार रुकना पड़ा और 30 से 35 मिनट लग गए.
फर्जी नंबर प्लेट पर चोटी टांगकर चल रहे
चेकिंग के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ है कि नंबर के ऊपर चोटी टांगकर फर्जी नंबर प्लेट को छिपाकर वाहन चलाए जा रहे हैं, ताकि कैमरे से बच सकें और चालान न हो. ऐसे वाहन शहर में अपराध को भी बढ़ावा दे रहे हैं.
लखनऊ में जाम की एक और बड़ी वजह बन रहे हैं दूसरे जिलों में पंजीकृत ई-रिक्शा, ऑटो और टेंपो. ये ट्रैफिक व्यवस्था तो चौपट कर ही रहे हैं, तय क्षमता से ज्यादा सवारियां बैठाकर मनमाना किराया भी वसूल रहे हैं. इसका खुलासा बीते तीन महीने में लखनऊ के भीतर दूसरे जनपदों के पकड़े गए वाहनों से हुआ है. राजधानी में उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, शाहजहांपुर, आगरा में पंजीकृत परमिटधारक वाहन सवारियां ढो रहे हैं. ये वाहन लखनऊ की सीमाओं से लेकर शहर के भीतर तक दौड़ रहे है. यूपी 33, 34, 41, 27 और यूपी 80 नंबर के वाहन आईटीएमएस के कैमरे में कैद किए गए हैं.
अप्रैल से जून तक हुई इतनी कार्रवाई
● 508 ई-रिक्शा, ऑटो-टेंपो पकड़े गए
● 102 ई-रिक्शा के चालान कटे, 20 जब्त हुए
● 261 ऑटो-टेंपो के चालान, 125 जब्त किए गए
लखनऊ के आसपास जिलों में पंजीकृत वाहनों की सूची ट्रैफिक और आरटीओ को सौंपी है. ऐसे वाहन ठूंस-ठूंसकर सवारी बैठाते हैं. इन पर कार्रवाई की जरूरत है. -पंकज दीक्षित, अध्यक्ष, ऑटो रिक्शा थ्री व्हीलर महासंघ
दूसरे जनपद के वाहनों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. बार-बार चालान काटे जा रहे हैं. इसके बावजूद ऐसे वाहन लखनऊ में चल रहे हैं. अब इन्हें बंद करने की तैयारी है. -संदीप कुमार पंकज, आरटीओ प्रवर्तन, लखनऊ