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इलाहाबाद न्यूज़: सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए वर्ष 2020 में प्रयागराज मंडल के सभी जिलों में ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए थे. तय हुआ था कि दुर्घटनाएं रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे. आरटीओ, पीडब्ल्यूडी, एनएच को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी. तीनों विभागों ने तीन साल में क्या किया, इनके अधिकारियों को ही नहीं पता. मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति की गांधी सभागार में हुई बैठक में इसकी पोल खुली.
मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने समिति की बैठक में ब्लैक स्पॉट पर कार्यवाही के बारे में जानकारी मांगी तो आरटीओ, पीडब्ल्यूडी, एनएच के अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए. सड़क दुर्घटनाएं रोकने में लापरवाही पर मंडलायुक्त ने तीनों विभाग के अधिकारियों पर नाराजगी जताई. अधिकारियों को कार्यवाही पर आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया.
बैठक में वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने वालों के खिलाफ कार्रवाई पर भी मंडलायुक्त ने पूछताछ की. विभागों की ओर दिए गए आंकड़े में इस वर्ष जनवरी से मई तक प्रयागराज मंडल में 1829 लोगों को वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करके के दौरान पकड़ा गया. पांच महीने में प्रयागराज में सबसे अधिक 647 लोगों के खिलाफ चालान किया गया. कौशाम्बी में 183, प्रतापगढ़ में 83 और फतेहपुर में 112 लोग मोबाइल पर बात करते पकड़े गए.
जनवरी से मई तक मंडल में 2355 ओवरलोड वाहन पकड़े गए. प्रयागराज में 873, कौशाम्बी 533, प्रतापगढ़ 395 तथा फतेहपुर में 554 ओवरलोड वाहनों का चालान हुआ. जून में सिर्फ छह ओवरलोड वाहनों का चालान हुआ.बीते पांच महीने में प्रयागराज में 34, कौशाम् मेंबी दो, प्रतापगढ़ में 40 तथा फतेहपुर में 18 स्कूली वाहनों के खिलाफ कार्रवाई हुई.