उत्तर प्रदेश

सरकारी सेवा से बचने को लाखों देकर जा रहे डॉक्टर

Admin Delhi 1
27 Jan 2023 1:04 PM GMT
सरकारी सेवा से बचने को लाखों देकर जा रहे डॉक्टर
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लखनऊ न्यूज़: सरकारी मेडिकल कॉलेजों से पीजी की डिग्री हासिल करने वाले डॉक्टरों को सरकारी क्षेत्र में सेवा देना रास नहीं आ रहा. चिकित्सा शिक्षा विभाग का बांड भी उन्हें मेडिकल कॉलेजों से बांधे नहीं रख पा रहा. सरकारी सेवा से बचने के लिए 40 लाख रुपये विभाग को देकर तमाम डॉक्टर भाग रहे हैं. वर्ष 2022 में ही ऐसे आठ डॉक्टर बांड के बदले विभाग को तीन करोड़ 20 लाख रुपये के ड्राफ्ट सौंप चुके हैं.

मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने वर्ष 2016 में पीजी और सुपर स्पेशियलिटी डिग्री हासिल करने वाले डॉक्टरों से बांड भरवाने की व्यवस्था शुरू की गई. पीजी करने वाले डॉक्टरों को बांड की शर्तों के तहत दो साल मेडिकल कॉलेजों में बतौर सीनियर रेजिडेंट सेवा देनी है. ऐसा न करने पर उन्हें जुर्माने के रूप में 40 लाख रुपये विभाग में जमा कराने होंगे.

इनमें अधिकांश रेडियोडायग्नोसिस विशेषज्ञ मगर तमाम डॉक्टर ऐसे हैं, जिन्होंने मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट बनने की जगह जुर्माना देने का विकल्प चुना है. बीते एक साल में ही आठ डॉक्टर ऐसा कर चुके हैं. इनमें से चार ने लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से और एक-एक डॉक्टर एसजीपीजीआई, आरएमएलआईएमएस, जीएमसी कन्नौज और एएसएमसी फतेहपुर के हैं.

इन डॉक्टरों ने 40 लाख जमा कर पाई बांड से मुक्ति

नाम मेडिकल कॉलेज विभाग

डा. गौरांग पांडेय केजीएमयू एमडी रेडियो डायग्नोसिस

डा. अंकिता मलिक केजीएमयू एमडी रेडियोथेरेपी

डा. जूहिका कौर नेगी केजीएमयू पीएमआर

डा. गुरुकरन कौर केजीएमयू ऑप्थालमोलोजी

डा. इरम पाशा एसजीपीजीआई एमडी रेडियोडायग्नोसिस

डा. नेहा कुमारी आरएमएलआईएमएस एमडी रेडियोडायग्नोसिस

डा. राकेश कुमार वर्मा एएसएमसी) फतेहपुर एमडी रेडियोडायग्नोसिस

डा. रश्मि जीएमसी कन्नौज एमडी रेडियोडायग्नोसिस

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