उत्तर प्रदेश

यूपी के सरकारी अस्‍पतालों में पशोपेश में है डॉक्‍टर और कर्मचारी, तबादले बरकरार रहेंगे या हो जाएंगे रद्द, जानें वजह

Renuka Sahu
17 July 2022 4:38 AM GMT
Doctors and employees are under treatment in UPs government hospitals, will the transfers continue or will be canceled, know the reason
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फाइल फोटो 

उत्‍तर प्रदेश में सरकारी अस्पतालों के तमाम चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य तमाम कर्मचारी पशोपेश में हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्‍तर प्रदेश में सरकारी अस्पतालों के तमाम चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य तमाम कर्मचारी पशोपेश में हैं। उनके तबादलों में नीतिगत पेंच फंसा है। सो उन्हें ट्रांसफर निरस्त होने की उम्मीद है। दिक्कत यह है कि तबादले अभी निरस्त नहीं हुए और दूसरी ओर जिलों में मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने उन्हें रिलीव करना शुरू कर दिया है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में 30 जून और उसी तिथि में बाद तक बड़े पैमाने पर तबादले किए गए हैं। इनमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ), मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस), डॉक्टर, दंत चिकित्सक, फार्मासिस्ट, लिपिक, हाईजिनिस्ट सहित अन्य कर्मचारी शामिल हैं। इनकी कुल संख्या हजारों में है। आरोप है कि इनमें से तमाम तबादले गलत हैं।

जिन लोगों की सेवानिवृत्ति में छह माह से डेढ़ साल तक का वक्त बचा है, उनके भी तबादले किए गए हैं। कई दिव्यांग और गंभीर बीमारी वाले डॉक्टरों और कर्मियों को भी ट्रांसफर कर दिया गया है। पति-पत्नी को अलग-अलग जिलों में भेजे जाने के मामले तो बहुतायत में हैं। खुद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक इन तबादलों को स्थानांतरण नीति के विरुद्ध बताते हुए नाराजगी जता चुके हैं।

पीएमएस डॉक्टरों की एसोसिएशन हो या स्वास्थ्य विभाग के तमाम दूसरे संगठन सभी गलत तबादलों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। कर्मचारियों ने 14 जुलाई को महानिदेशालय का घेराव भी किया था। वे आगे चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा भी कर चुके हैं। राज्य कर्मचारी परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा का आरोप है कि महानिदेशालय और शासन स्तर से गलत तबादले अभी निरस्त नहीं किए गए हैं। दूसरी ओर सीएमओ लगातार रिलीविंग का दबाव बना रहे हैं। रिलीव होने की स्थिति में एक नया पेंच फंसेगा।

मुख्यमंत्री स्वयं करा रहे तबादलों की जांच

स्वास्थ्य विभाग के तबादलों का बवाल ज्यादा बढ़ा तो सीएम योगी ने इसका संज्ञान लेते हुए जांच का आदेश दिया। उन्होंने मुख्य सचिव डीएस मिश्रा, अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और प्रमुख सचिव संजय भूसरेड्डी की तीन सदस्यीय कमेटी को सभी तबादलों से संबंधित प्रकरणों की समीक्षा कर रिपोर्ट मांगी है। इसी रिपोर्ट के आधार पर सीएम निर्णय करेंगे।

डॉक्टर बोले विकल्प क्यों भरवाए

तमाम चिकित्सकों की शिकायत है कि विभाग ने उनसे तबादले के लिए तीन-तीन विकल्प भरवाए थे। मगर जब तबादला सूची आई तो उन्हें ऐसी जगह भेज दिया गया, जो उनके विकल्पों में शामिल ही नहीं था। यदि विभाग को ऐसा ही करना था तो विकल्प भरवाने का क्या औचित्य था।

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