उत्तर प्रदेश

डॉक्टर ने खराब प्लेटलेट्स चढ़ाने के साथ लगाया गलत इंजेक्शन, युवक की हुई मौत

Admin Delhi 1
2 Nov 2022 11:37 AM GMT
डॉक्टर ने खराब प्लेटलेट्स चढ़ाने के साथ लगाया गलत इंजेक्शन, युवक की हुई मौत
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सिटी न्यूज़: प्रयागराज के बकराबाद बम्हरौली निवासी प्रदीप पांडेय की मौत के पीछे खराब प्लेटलेट्स चढ़ाना ही एक मात्र कारण नहीं था। उन्हें पांच यूनिट खराब प्लेटलेट्स चढ़ाने के साथ ही गलत इंजेक्शन भी दिया गया था। प्रदीप की मौत के कारणों की जांच कर रही तीन सदस्यीय जांच समिति ने यह खुलासा किया है। 19 अक्तूबर की सुबह छह बजे प्रदीप पांडेय की मौत हुई थी। इस मामले की जांच के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी नानक सरन ने अपर नगर मजिस्ट्रेट सौरभ भट्ट, क्षेत्राधिकारी नगर एनएन सिंह और उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुनील कुमार की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार प्रदीप पांडेय 14 अक्तूबर को अस्पताल में भर्ती कराए गए तो उनकी हालत गंभीर नहीं थी। सिर्फ प्लेटलेट्स की कमी थी।

ग्लोबल अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर के डॉक्टरों ने प्रदीप पांडेय के परिजनों को आठ यूनिट प्लेटलेट्स लाने के लिए कहा। प्रदीप के रिश्तेदार सौरभ त्रिपाठी के अनुसार तीन यूनिट प्लेटलेट्स स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय से लिया गया। पांच यूनिट प्लेटलेट्स अस्पताल के मकान मालिक सतीश साहू ने उपलब्ध कराया। इसके बदले सतीश साहू ने 25 हजार रुपये लिए। सतीश साहू से खरीदी गई प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद प्रदीप की हालत बिगड़ने लगी। प्रदीप की हालत गंभीर होने के बाद परिजनों ने उनको 17 नवंबर को प्रयाग हार्ट केयर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान 19 अक्तूबर को उनकी मौत हो गई। जांच टीम ने अस्पताल का दौरा किया तो वहां प्रदीप पांडेय के इलाज में गंभीर लापरवाही का पता चला। जांच रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल में प्रदीप को इलाज के दौरान दिए गए डेवसोना और ट्रेनेक्सा इंजेक्शन डेंगू मरीज के लिए जारी एसओपी के अनुरूप नहीं थे। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि खराब प्लेटलेट्स चढ़ाने के साथ प्रदीप के इलाज में घोर लापरवाही की गई।

डॉक्टर ने इलाज से किया इनकार: डेंगू से पीड़ित प्रदीप पांडेय का ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में 14 से 17 अक्तूबर तक इलाज हुआ। प्रदीप के इलाज की जिम्मेदारी लेने को अस्पताल के डॉक्टर तैयार नहीं हैं। अस्पताल में फाइल की जांच से पता चला कि प्रदीप पांडेय को सर्जन डॉ. मुकेश टंडन ने भर्ती किया था। डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव उनका इलाज कर रहे थे। जांच कमेटी की पूछताछ में डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि उन्होंने न तो प्रदीप पांडेय को न देखा और न ही कोई दवा लिखी। सवाल यह है कि अगर डॉ. अरूण ने प्रदीप का इलाज नहीं किया था, तो उनका नाम किसने और क्यों लिखा।

प्लेटलेट्स देने वाले ने भी पल्ला झाड़ा: प्रदीप पांडेय के रिश्तेदार को पांच यूनिट प्लेटलेट्स उपलब्ध कराने वाले ने भी कमेटी की पूछताछ के दौरान पल्ला झाड़ लिया। ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर के मकान मालिक सतीश साहू ने प्रदीप पांडेय को सीधे प्लेटलेट्स उपलब्ध कराने इनकार किया है।

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